सैटेलाइट इंटरनेट की दौड़ में मुकेश अंबानी ने एलन मस्क और जेफ बेजोस को किया पीछे
भारत और एशिया के सबसे बड़े बिजनेसमैन मुकेश अंबानी ने सैटेलाइट इंटरनेट की दौड़ में बड़े-बड़े धुरंधरों को पछाड़ दिया है। इस रेस में एलन मस्क से लेकर जेफ बेजोस जैसे दिग्गजों का नाम है। क्या है पूरा मामला चलिए जानते हैं इस वीडियो में?

भारत और एशिया के सबसे बड़े बिजनेसमैन मुकेश अंबानी ने सैटेलाइट इंटरनेट की दौड़ में बड़े-बड़े धुरंधरों को पछाड़ दिया है। इस रेस में एलन मस्क से लेकर जेफ बेजोस जैसे दिग्गजों का नाम है। क्या है पूरा मामला चलिए जानते हैं इस वीडियो में?
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भारत में सैटेलाइट इंटरनेट सेवा शुरू करने के लिए हरी झंडी का इंतजार कर रही
दरसल Jio Platforms और लक्जमबर्ग की कंपनी एसईएस के जॉइंट वेंचर को देश में गीगाबिट फाइबर इंटरनेट देने के लिए लिए सैटेलाइट ऑपरेट करने की मंजूरी मिल गई है। मीडिया में चल रही रिपोर्ट के मुताबिक एक सरकारी अधिकारी ने बताया कि स्पेस रेगुलेटर ने इन कंपनियों के जॉइंट वेंचर ऑर्बिट कनेक्ट इंडिया को भारत के आकाश में सैटेलाइट ऑपरेट करने की मंजूरी दे दी है। ऑर्बिट कनेक्ट इंडिया को तीन तरह की मंजूरियां दी गई हैं। कंपनी को ये मंजूरियां ऐसे समय मिली हैं जब जेफ बेजोस की ऐमजॉन डॉट कॉम से लेकर एलन मस्क की स्टारलिंक जैसी कंपनियां भारत में सैटेलाइट इंटरनेट सेवा शुरू करने के लिए हरी झंडी का इंतजार कर रही हैं।
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ऑर्बिट कनेक्ट इंडिया
एक सरकारी अधिकारी ने बताया कि ऑर्बिट कनेक्ट इंडिया को सैटेलाइट बेस्ड हाई-स्पीड इंटरनेट सुविधा उपलब्ध कराने के लिए अप्रैल और जून में जरूरी मंजूरी दी गई। Indian National Space Promotion and Authorisation Centre यानी IN-SPACe ने कंपनी को यह मंजूरी दे दी है। इससे कंपनी भारत के आकाश में सैटेलाइट्स को ऑपरेट कर सकती है लेकिन इसको पुरी तरह से चलाने के लिए दूरसंचार विभाग से और ज्यादा मंजूरियों की जरूरत है।
भारत में सैटेलाइट ऑपरेट करने की मंजूरी
पवन गोयनका जो IN-SPACe के चेयरमैन हैं उन्होंने बताया कि एक और कंपनी Inmarsat को भी भारत में सैटेलाइट ऑपरेट करने की मंजूरी मिल गई है। दो अन्य कंपनियों एलन मस्क की स्टारलिंक और ऐमजॉन की Kuiper ने भी इसके लिए आवेदन किया है। यूटेलसैट की भारती एंटरप्राइजेज के निवेश वाली कंपनी वनवेब को पिछले साल के अंत में सभी तरह की मंजूरियां दे दी गई थीं। डेलॉइट के अनुसार भारत का सैटेलाइट ब्रॉडबैंड सर्विस मार्केट अगले पांच वर्षों में सालाना 36% की दर से बढ़ने और 2030 तक 1.9 अरब डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है। वैश्विक स्तर पर स्पेस-बेस्ड इंटरनेट के जरिए ग्रामीण इलाकों को जोड़ने की दौड़ तेज हो रही है। ऐमजॉन के Kuiper ने 10 अरब डॉलर के निवेश करने की योजना बनाई है। इसकी घोषणा 2019 में की गई थी। उसी साल स्पेसएक्स ने अपने पहले ऑपरेशनल स्टारलिंक सैटेलाइट्स को तैनात करना शुरू किया था।