सरकार बंद करने जा रही है Gold की इतनी बड़ी स्कीम?

मीडिया में सॉवरेन बॉन्ड स्कीम को लेकर काफी बड़ी खबर चल रही है। सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में निवेश करने वालों को झटका लग सकता है। माना जा रहा है कि सरकार गोल्ड में निवेश की इस स्कीम को बंद कर सकती है। अगर ये स्कीम बंद हुई तो उन निवेशकों का क्या होगा, जो इनमें अच्छे रिटर्न की आस लगाकर निवेश किए बैठे हैं। तो चलिए इस खबर के हर पहलू को समझने की कोशिश करते हैं।

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सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में निवेश करने वालों को झटका लग सकता है ?
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में निवेश करने वालों को झटका लग सकता है ?

By BT बाज़ार डेस्क:

अगर आप गोल्ड में निवेश करते हैं ये खबर आपके लिए काम की साबित हो सकती है। इसके साथ ही इस खबर से आपको झटका भी लग सकता है। गोल्ड को हमेशा से सेफ एसेट माना गया है। इसमें निवेश करने वालों को लॉन्ग टर्म में हमेशा मुनाफा ही मिलता है। इसीलिए सरकार भी कई तरह की स्कीम्स चलाती है। Sovereign Gold Bond Scheme उन्ही में से एक है। मीडिया में सॉवरेन बॉन्ड स्कीम को लेकर काफी बड़ी खबर चल रही है। सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में निवेश करने वालों को झटका लग सकता है। माना जा रहा है कि सरकार गोल्ड में निवेश की इस स्कीम को बंद कर सकती है। अगर ये स्कीम बंद हुई तो उन निवेशकों का क्या होगा, जो इनमें अच्छे रिटर्न की आस लगाकर निवेश किए बैठे हैं। तो चलिए इस खबर के हर पहलू को समझने की कोशिश करते हैं।

स्कीम का इतिहास

सबसे पहले जान लेते हैं कि इस स्कीम का इतिहास।  इस स्कीम को 2015 में शुरू किया गया था। इसमें निवेशक को सोना पेपर के रूप में खरीदना होता है। एक ग्राम प्रति यूनिट के हिसाब से इसे खरीदा जाता है। इसके लिए समय-समय पर सीरीज जारी की जाती हैं। यानी जब सीरीज जारी होगी तभी निवेश कर पाएंगे। इसमें निवेश करने पर अभी सालाना 2.5% की दर से ब्याज दिया जा रहा है। इसकी मैच्योरिटी 8 साल है। मैच्योरिटी के वक्तय जब इसका रिडेम्प्शन किया जाता है तो प्राइज की गणना रिडेम्प्शन की तारीख से 3 दिन पहले की सोने की औसत क्लोजिंग प्राइज के आधार पर होती है। सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम में एक वित्त वर्ष में एक व्यक्ति अधिकतम 4 किलोग्राम गोल्ड के बॉन्ड खरीद सकता है। वहीं न्यूनतम निवेश 1 ग्राम का होना जरूरी है। वहीं, ट्रस्ट या उसके जैसी संस्थाएं 20 किग्रा तक के बॉन्ड खरीद सकती हैं। बता दें आवेदन कम से कम 1 ग्राम और उसके मल्टीपल में जारी होते हैं।

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अब यहां दो जरूरी सवाल हैं पहला कि ये स्कीम बंद क्यों होने जा रही है? दूसरा - इस स्कीम में निवेश करने वालों का क्या होगा?

तो बजट में सरकार की ओर से कस्टम ड्यूटी घटने से सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की मांग में कमी आ सकती है। वहीं सरकार का मानना है कि ये स्कीम उसके लिए महंगी पड़ रही है। यही कारण है सरकार इस स्कीम को बंद करने या कम करने का प्लान बना रही है। वहीं दूसरी ओर सरकार के एक सीनियर अधिकारी के मुताबिक सरकार ने इस वित्तीय वर्ष के लिए सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड जारी करने के लक्ष्य को 38% कम कर दिया है। अधिकारी के मुताबिक अब सरकार 2024-25 में 18,500 करोड़ रुपये का पेपर गोल्ड जारी करने की योजना बना रही है। अंतरिम बजट में 29,638 करोड़ रुपये का अनुमान लगाया गया था। सीधी सी बात है हाल ही में पेश हुए बजट में सोने और चांदी पर कस्टम ड्यूटी कम हुई है। इसके बाद से इसकी मांग में कमी आई है और कीमत गिर रही है। तो सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की मांग में कमी आ सकती है।

अब यहां सवाल उठता है कि अगर सरकार इस स्कीम को बंद करती है तो निवेशकों का क्या होगा? 

जिन निवेशकों ने इस स्कीम में 8 साल पहले आई सीरीज में निवेश किया था, उन्हें अब नुकसान हो सकता है। दरअसल साल 2016-17 की सीरीज 1 अगस्त 2016 को आई थी। उस समय इसका इश्यू प्राइज 3119 रुपये प्रति ग्राम था। उस समय इस पर सालाना 2.75%  का ब्याज दिया जा रहा था। इस सीरीज की मैच्योरिटी अगले महीने यानी अगस्त में होने जा रही है। बजट से पहले सोने की कीमत करीब 74 हजार रुपये प्रति 10 ग्राम थी। अगर सरकार गोल्ड की कस्टम ड्यूटी में कमी न करती तो सोने की कीमत और बढ़ सकती थी। लेकिन इससे सोने की कीमत कम हो गई है। कस्टम ड्यूटी कम न होने से मान लें कि अगस्त में सोने की कीमत 75 हजार रुपये प्रति 10 ग्राम होती और अब करीब 70 हजार रुपये होगी तो ऐसे में निवेशक को प्रति 10 ग्राम 5 हजार रुपये का नुकसान हो गया।

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