Insurance Policy: आपकी इंश्योरेंस पॉलिसी पर आया बड़ा अपडेट !

इंश्योरेंस रेगुलेटर IRDAI ने प्रस्ताव में यह भी कहा है कि इंश्योरेंस कंपनियां पॉलिसी जारी करते वक्त पॉलिसी होल्डर का बैंक अकाउंट डिटेल्स भी जुटाएं ताकि क्लेम को इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से रिफंड किया जा सके।

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IRDAI ने पॉलिसी होल्डर्स के लिए फ्री-लुक अवधि को बढ़ाने का प्रस्ताव दिया है
IRDAI ने पॉलिसी होल्डर्स के लिए फ्री-लुक अवधि को बढ़ाने का प्रस्ताव दिया है

इंश्योरेंस रेगुलेटरी और डेवलपमेंट अथॉरिटी ऑफ इंडिया  (IRDAI) ने जो ड्राफ्ट रेगुलेशन 2024 प्रस्तावित किया गया है। उसमें कहा गया है, “किसी भी मोड के जरिए पॉलिसी लेने के बाद फ्री-लुक अवधि को पॉलिसी डॉक्युमेंट की रसीद जारी होने से 30 दिन तक बढ़ाया जाए।” बता दें, वर्तमान में लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी के लिए फ्री-लुक अवधि 15 दिन है। IRDAI के प्रस्तावित ड्राफ्ट रेगुलेशन 2024 में कहा गया है, "किसी भी मोड के जरिए पॉलिसी लेने के बाद फ्री-लुक अवधि को पॉलिसी डॉक्युमेंट की रसीद जारी होने से 30 दिन तक बढ़ाया जाए।" मौजूदा समय में, लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी के लिए फ्री-लुक अवधि 15 दिन है। हालांकि, इलेक्ट्रॉनिक पॉलिसी और किसी डिस्टेंस मोड के जरिए ली गई पॉलिसी के लिए फ्री-लुक अवधि 30 दिन की ही है। इसके अलावा कई इंश्योरेंस कंपनियां भी फ्री-लुक अवधि 30 दिन तक देती है। आमतौर, फ्री-लुक अवधि वो समय होता है, जब कोई पॉलिसी होल्डर नई पॉलिसी खरीदने के बाद किसी भी वजह से अपना मन बदलता है तो वो इस पॉलिसी से बाहर निकल सकता है।

पॉलिसी होल्डर

अगर पॉलिसी होल्डर इस तरह की नई पॉलिसी से बाहर निकलता है तो इंश्योरेंस कंपनी को पॉलिसी खरीदते वक्त ली चुकाई गई प्रीमियम वापस रिफंड करनी होती है। हालांकि, इसमें रिस्क प्रीमियम की कटौती की जाती है। इसके अलावा मेडिकल चेक-अप्स, स्टाम्प ड्यूटी जैसे खर्च भी काटे जाते हैं।

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IRDAI के अन्य प्रस्ताव

ड्राफ्ट रेगुलेशन में यह भी कहा गया है कि जब तक नॉमिनेशन की डिटेल्स नहीं मिलती है, तब तक कोई भी इंश्योरेंस पॉलिसी नहीं जारी हो सकती है। IRDAI ने यह भी प्रस्ताव रखा है कि जनरल और हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियो को किसी को भी नई पॉलिसी जारी करते वक्त नॉमिनेशन की डिटेल्स जरूर लें। पॉलिसी रिन्यू करने के दौरान भी ऐसा करना अनिवार्य है। अगर IRDAI के इस ड्राफ्ट को लागू कर दिया जाता है तो ज्यादातर पॉलिसी को इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से ही जारी करना अनिवार्य हो सकता है। IRDAI ने कहा है कि जिन पॉलिसी के तहत कुल इंश्योरेंस रकम ₹100 या एक बार या सालाना प्रीमियम ₹10 से ज्यादा है तो इसे इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से ही जारी किया जाएगा। इंश्योरेंस रेगुलेटर IRDAI ने प्रस्ताव में यह भी कहा है कि इंश्योरेंस कंपनियां पॉलिसी जारी करते वक्त पॉलिसी होल्डर का बैंक अकाउंट डिटेल्स भी जुटाएं ताकि क्लेम को इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से रिफंड किया जा सके। मौजूदा प्रस्ताव पर आम लोगों से लेकर इंश्योरेंस कंपनियों समेत सभी स्टेकहोल्डर्स को 4 मार्च तक अपना फीडबैक देना होगा। 

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