ट्रैवल एवं टूरिज्म क्षेत्र में बढ़ रहा है चीनी निवेश

कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री बी सी भरतिया एवं राष्ट्रीय महामंत्री श्री प्रवीन खंडेलवाल ने कहा कि पिछले वर्षों में भारत में ट्रैवल एवं टूरिज्म व्यवसाय देश भर में फैले लगभग 10 लाख से अधिक ट्रैवल एजेंटों द्वारा किया जा रहा था जो बड़ी संख्या में लोगो को रोज़गार भी दिया करते थे।

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CAIT ने भारत के ट्रैवल एवं टूरिज्म क्षेत्र पर कुछ बड़ी कंपनियों के क़ब्ज़े पर एक बड़ा सवाल खड़ा किया है
CAIT ने भारत के ट्रैवल एवं टूरिज्म क्षेत्र पर कुछ बड़ी कंपनियों के क़ब्ज़े पर एक बड़ा सवाल खड़ा किया है

By BT बाज़ार डेस्क:

कनफ़ेडरेशन ऑफ़ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) ने भारत के ट्रैवल एवं टूरिज्म क्षेत्र पर कुछ बड़ी कंपनियों के क़ब्ज़े पर एक बड़ा सवाल खड़ा करते हुए कहा कि इस क्षेत्र में चंद कंपनियों ने जिनमें ख़ास तौर पर चीनी धन का निवेश है जिसके ज़रिए चीनी लोगों का नियंत्रण भी है,ने इस क्षेत्र में ट्रैवल एजेंटों को जहां लगभग समाप्त कर दिया है  वहीं इनके द्वारा एकत्र किए गए डाटा की सुरक्षा ख़तरे में पड़ने की आशंका जतायी है। इस संबंध में CAIT ने वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीथारमन एवं वाणिज्य मंत्री श्री पीयूष गोयल से आग्रह किया है कि ट्रैवल एवं टूरिज्म के क्षेत्र में काम करने वाली बड़ी कंपनियों के बिज़नेस मॉडल की जाँच कर यह सुनिश्चित किया जाये कि उनके द्वारा एकत्र किए गए डाटा का दुरुपयोग तो नहीं हो रहा है।

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कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री बी सी भरतिया एवं राष्ट्रीय महामंत्री श्री प्रवीन खंडेलवाल ने कहा कि पिछले वर्षों में भारत में ट्रैवल एवं टूरिज्म व्यवसाय देश भर में फैले लगभग 10 लाख से अधिक ट्रैवल एजेंटों द्वारा किया जा रहा था जो बड़ी संख्या में लोगो को रोज़गार भी दिया करते थे। लेकिन पिछले कुछ वर्षों में चीनी एवं अन्य विदेशी निवेश के बल पर इस व्यवसाय पर कुछ चंद कंपनियों ने पूरा कब्जा ही कर लिया और अब वो अपने पोर्टल के माध्यम से सारी बुकिंग करते हैं। क्योंकि उनकी कंपनी में बड़ी मात्रा में विदेशी धन का निवेश हुआ है, इसलिए इस व्यापार को अब चंद बड़े हाथों में ही सिमट कर रहना पड़ा है और यह व्यवसाय अब एक मोनोपोली के रूप में काम कर रहा है और भारत के लोगों का बड़ा डाटा इनके पास इकट्ठा हुआ है। इस संबंध में उन्होंने उदाहरण के तौर पर ट्रैवल एवं टूरिज्म के क्षेत्र की कंपनी मेकमायट्रिप का ज़िक्र करते हुए कहा कि इस कंपनी में बड़ी मात्रा में चीनी धन का निवेश होने से कंपनी के बोर्ड में 10 निदेशकों में से 5 निदेशक चीन की कंपनी ट्रिप.कॉम से हैं जिसका कंट्रोल शंघाई से होता है।वहीं ट्रिप.कॉम की ही एक और कंपनी है स्काई स्कैनर जो हवाई यात्रा के लिए एयरलाइंस और ट्रैवल एजेंट्स के बीच सस्ते टिकट की तुलना करती है और बाज़ार में अस्वस्थ प्रतिस्पर्धा का वातावरण बनाते हुए अप्रत्यक्ष रूप से मेकमायट्रिप को लाभ पहुँचाती है जिससे कम्पटीशन की संभावना लगभग ख़त्म हो गई है।

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