Basmati Rice: चावल पर Pakistan ने शुरू की प्राइस वॉर, भारत से मिलेगा करारा जवाब

खबरों के मुताबिक भारत आने वाले दिनों में बासमती चावल के एक्सपोर्ट के लिए मिनिमम एक्सपोर्ट प्राइस में कटौती कर सकता है। भारत बासमती के फ्लोर प्राइस को 1,200 डॉलर प्रति टन से घटाकर 850 डॉलर प्रति मीट्रिक टन कर देगा ताकि मिल मालिकों और ट्रेडर्स को चावल ग्रेड भेजने में मदद मिल सके।

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पाकिस्तान और भारत के बीच सालों से बासमती चावल को लेकर दुश्मनी चली आ रही है
पाकिस्तान और भारत के बीच सालों से बासमती चावल को लेकर दुश्मनी चली आ रही है

By BT बाज़ार डेस्क:

पाकिस्तान और भारत के बीच सालों से बासमती चावल को लेकर दुश्मनी चली आ रही है। इन दोनों देशों में बासमती की अच्छी खासी पैदावार होती है। भारत दुनिया में बासमती चावल का सबसे बड़ा एक्सपोर्टर है, तो वहीं दूसरी ओर पाकिस्तान दावा करता है कि यूरोप में बासमती का सबसे बड़ा एक्सपोर्टर वो खुद है। पाक की ओर से लगातार कोशिश की जाती रही है कि वो भारत के बाजार को कैप्चर कर सके। इसी कड़ी में अब पाकिस्तान ने नया दांव खेला है। लेकिन खबरों की मानें तो भारत ने इसका तोड़ पहले से ही निकाल लिया है। सबसे पहले आपको पाकिस्तान की चाल के बारे में बताते हैं, फिर बताएंगे कि कैसे भारत, पाक के दांव को खयाली पुलाव में बदलने जा रहा है।

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भारत की ओर से बासमती चावल पर मिनिमम एक्सपोर्ट प्राइस यानि MEP 1200 डॉलर प्रति टन चल रहा है। इस दर पर भारत दुनिया के देशों को बासमती एक्सपोर्ट करता है। तो पाकिस्तान ने भारत की काट करने के लिए मिनिमम एक्सपोर्ट प्राइस 1050 डॉलर प्रति टन कर दिया है। यानि दुनिया वालों को अब भारत से सस्ता बासमती पाकिस्तान से मिल जाएगा। जिसका नुकसान भारतीय ट्रेडर्स को होगा। ऊपर से अगले साल चुनाव है, पाकिस्तान के इस फैसला का असर पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश के किसानों पर भी हो सकता है। भारत के MEP के चलते किसानों को 10000 रुपए प्रति एकड़ पर नुकसान उठाना पड़ेगा। 

दोनों देशों में बासमती की अच्छी खासी पैदावार होती है

ये तो आपको पता चल गया कि पाकिस्तान ने कैसे बासमती के बाजार में भारत को पिछाड़ने की कोशिश की। लेकिन अब भारत का काउंटर भी जान लीजिए, क्योंकि इसके बाद पाकिस्तान के पास कोई रास्ता नहीं रह जाएगा। खबरों के मुताबिक भारत आने वाले दिनों में बासमती चावल के एक्सपोर्ट के लिए मिनिमम एक्सपोर्ट प्राइस में कटौती कर सकता है। भारत बासमती के फ्लोर प्राइस को 1,200 डॉलर प्रति टन से घटाकर 850 डॉलर प्रति मीट्रिक टन कर देगा ताकि मिल मालिकों और ट्रेडर्स को चावल ग्रेड भेजने में मदद मिल सके। मिल मालिकों और ट्रेडर्स की ओर से अनाज की विदेशी बिक्री में भारी गिरावट की शिकायत की है।

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मतलब एकदम साफ है कि आने वाले दिनों में पाकिस्तान अपनी ही चाल में फंस कर रह जाएगा, क्योंकि अगर 850 डॉलर प्रति मीट्रिक टन के फ्लोर प्राइस से पाकिस्तान नीचे जाता है, तो नुकसान पाकिस्तान को ही होगा। भारत और पाकिस्तान खौस तौर से प्रीमियम, सुगंधित बासमती चावल उगाते हैं। अकेला भारत  ईरान, इराक, यमन, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात और अमेरिका जैसे देशों में लगभग 4 मिलियन टन बासमती चावल भेजता है। पिछले दिनों हमने देखा था कि नॉन-बासमती सफेद चावल पर एक्सपोर्ट बैन लगाने के भारत के फैसले से अमेरिका में NRIs के बीच खलबली मच गई। सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो और तस्वीरों में NRIs चावल खरीदने के लिए किराना और डिपार्टमेंटल स्टोर के बाहर कतार में खड़े दिखाई दे रहे थे।

नॉन-बासमती सफेद चावल पर एक्सपोर्ट बैन लगाने के भारत के फैसले से अमेरिका में NRIs के बीच खलबली मच गई

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