5G स्पेक्ट्रम के लिए नीलामी खत्म, एयरटेल ने सबसे ज्यादा ₹6,857 करोड़ की लगाई बोली, सरकार को 10 दिन में ₹11,340 करोड़

DoT को इस बार नीलामी में टेलिकॉम ऑपरेटरों से ज्यादा अच्छे रिस्पॉन्स की उम्मीद नहीं है। ऐसा इसलिए क्योंकि पिछले साल ही कंपनियों ने काफी सारा स्पेक्ट्रम खरीदा था। कंपनियों का फोकस उन स्पेक्ट्रम के टॉपअप पर होगा जो उनके ऑपरेशन में हैं और एक्सपायर हो रहे हैं।

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मोबाइल सर्विसेज के लिए 25 जून को शुरू हुई 5G स्पेक्ट्रम की नीलामी खत्म हो गई है
मोबाइल सर्विसेज के लिए 25 जून को शुरू हुई 5G स्पेक्ट्रम की नीलामी खत्म हो गई है

By BT बाज़ार डेस्क:

मोबाइल सर्विसेज के लिए 25 जून को शुरू हुई 5G स्पेक्ट्रम की नीलामी खत्म हो गई है। दो दिन 7 राउंड तक चली इस नीलामी से सरकार को करीब 11,340 करोड़ रुपए की इनकम हुई है। अब टेलिकॉम कंपनियों को 10 दिन के अंदर सरकार को ये राशि जमा करनी होगी। ऑक्शन में सरकार ने 96,317.65 करोड़ रुपए की बेस प्राइस पर 10,522 मेगाहर्टज के कुल स्पेक्ट्रम नीलामी के लिए रखे थे। इसमें से सरकार को कुल 131 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम के लिए बोलियां मिली हैं। इसकी वैलिडिटी 20 साल की होगी। 2022 में सरकार ने स्पेक्ट्रम नीलामी से 1.5 ट्रिलियन रुपए की भारी रकम जुटाई थी। नीलामी में देश की तीन बड़ी टेलीकॉम कंपनियों रिलायंस जियो, एयरटेल और वोडाफोन आइडिया (Vi) ने हिस्सा लिया था। संचार भवन में स्थित DoT के वार रूम से ऑनलाइन नीलामी की गई।

900 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम बैंड में सबसे ज्यादा ₹7604 करोड़ की बोली लगी

DoT के अनुसार, सरकार ने मोबाइल फोन सेवाओं के लिए 8 स्पेक्ट्रम बैंड की नीलामी के लिए रखे थे। इसमें 800 मेगाहर्ट्ज, 900 मेगाहर्ट्ज, 1800 मेगाहर्ट्ज, 2100 मेगाहर्ट्ज, 2300 मेगाहर्ट्ज, 2500 मेगाहर्ट्ज, 3300 मेगाहर्ट्ज और 26 गीगाहर्ट्ज बैंड शामिल हैं। इनमें से 900 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम बैंड में कुल 60 mhz स्पेक्ट्रम के लिए बोलियां मिली। इस बैंड में कुल 7604 करोड़ रुपए का स्पेक्ट्रम बिका। 1800 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम बैंड में 50.4 mhz के लिए बोलियां मिली। इस बैंड में करीब 3.614 करोड़ रुपए स्पेक्ट्रम बिका। 2100 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम बैंड में सरकार को कुल 546 करोड़ की बोलियां मिली। बिहार, मध्यप्रदेश, पूर्वी उत्तरप्रदेश, पश्चिम बंगाल में स्पेक्ट्रम की मांग देखी गई।

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भारती एयरटेल ने सबसे ज्यादा ₹6,857 करोड़ की बोली लगाई

भारती एयरटेल ने एक्सचेंज फाइलिंग में कहा कि 900 मेगाहर्ट्ज, 1800 मेगाहर्ट्ज और 2100 मेगाहर्ट्ज फ्रीक्वेंसी बैंड में 97 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम 6,857 करोड़ रुपए में हासिल किया। कंपनी अलग-अलग सर्किलों में 900 मेगाहर्ट्ज बैंड में स्पेक्ट्रम नवीनीकरण की जरूरत के कारण सबसे बड़ी बोलीदाता के रूप में उभरी है। कंपनी ने कहा, 'एयरटेल ने प्रमुख सर्किलों में अपनी मिड बैंड होल्डिंग को मजबूत करने के लिए अतिरिक्त स्पेक्ट्रम खरीदा है। अब कंपनी के पास देश में सबसे बड़ा मिड-बैंड स्पेक्ट्रम पूल होगा।' इसके अलावा, भारती हेक्साकॉम लिमिटेड ने कुल 1,001 करोड़ रुपए के परिव्यय के साथ 15 मेगाहर्ट्ज का अधिग्रहण किया है।

जियो ने 3,000 करोड़ रुपए बयाना राशि जमा की

रिलायंस जियो ने 5G स्पेक्ट्रम नीलामी के लिए अर्नेस्ट मनी डिपॉजिट (EMD) यानी बयाना राशि के रूप में 3,000 करोड़ रुपए जमा किए हैं, जो टॉप-3 टेलिकॉम कंपनियों में शामिल भारती एयरटेल लिमिटेड से 3 गुना और वोडाफोन आइडिया (Vi) से 10 गुना ज्यादा है। डिपार्टमेंट ऑफ टेलिकॉम (DoT) के अनुसार, भारती एयरटेल ने 1,050 करोड़ और वोडाफोन आइडिया (Vi) ने 300 करोड़ रुपए जमा किए। नीलामी में 20 साल के लिए स्पेक्ट्रम अधिकार दिए जाएंगे। कंपनियों को हर साल किस्तों में भुगतान करना होगा।

DoT को 10,000 करोड़ रुपए मिलने की उम्मीद

DoT को इस बार नीलामी में टेलिकॉम ऑपरेटरों से ज्यादा अच्छे रिस्पॉन्स की उम्मीद नहीं है। ऐसा इसलिए क्योंकि पिछले साल ही कंपनियों ने काफी सारा स्पेक्ट्रम खरीदा था।
कंपनियों का फोकस उन स्पेक्ट्रम के टॉपअप पर होगा जो उनके ऑपरेशन में हैं और एक्सपायर हो रहे हैं। टेलिकॉम डिपार्टमेंट को नीलामी से करीब ₹10,000 करोड़ मिलने की उम्मीद है।

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