UPI से पेमेंट है फ्री, डिजिटल पेमेंट करना नहीं पड़ेगा महंगा!

पिछले दो दिनों में यह सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर UPI पेमेंट को लेकर भ्रम की स्थिति बनी हुई थी. दरअसल, खबर ये थी कि PPI यानी प्रीपेड इंस्ट्रूमेंट्स से 2000 रुपये से ज्यादा का पेमेंट करने पर 1.1% इंटरचेंज शुल्क देना होगा, सोशल मीडिया पर ये खबर ऐसे फैली कि ये शुल्क ग्राहकों को देना होगा, जबकि ऐसा कतई नहीं है. NPCI ने बयान जारी कर सफाई दी है।

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UPI से पेमेंट है फ्री, डिजिटल पेमेंट करना नहीं पड़ेगा महंगा!

UPI (Unified Payments Interface) के जरिए पेमेंट के लिए 1 अप्रैल से अतिरिक्त शुल्क की खबरें सामने आ रही थी. अब नेशनल पेमेंट कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया यानी NPCI ने इसे लेकर सफाई जारी की है, जिसमें उसने बताया है कि UPI से लेनदेन पर कोई चार्ज नहीं लगेगा, ये पहले की तरह फ्री ही रहेगा।

सोशल मीडिया पर किए गए भ्रामक दावे

पिछले दो दिनों में यह सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर UPI पेमेंट को लेकर भ्रम की स्थिति बनी हुई थी. दरअसल, खबर ये थी कि PPI यानी प्रीपेड इंस्ट्रूमेंट्स से 2000 रुपये से ज्यादा का पेमेंट करने पर 1.1% इंटरचेंज शुल्क देना होगा, सोशल मीडिया पर ये खबर ऐसे फैली कि ये शुल्क ग्राहकों को देना होगा, जबकि ऐसा कतई नहीं है। NPCI ने बयान जारी कर सफाई दी है।

PPI क्या होता है, पहले ये समझिए

दरअसल, बहुत से लोगों को PPIs के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं होने से भी कन्फ्यूजन है। PPIs का मतलब होता है प्रीपेड इंस्ट्रूमेंट्स, जैसे पेटीएम वॉलेट, जिसमें आपको पहले पैसे डालने होते हैं, उसके बाद ही आप पेमेंट कर सकते हैं। इस कैटेगरी में मोबाइल वॉलेट, प्रीपेड कार्ड्स, गिफ्ट कार्ड्स वगैरह आते हैं। इन सभी को PPIs कहा जाता है. ये UPI ऐप्स से अलग होते हैं, जहां पर ट्रांजैक्शन सीधा बैंक अकाउंट्स से होता है। NPCI ने अपने बयान में कहा है कि 99.9% सभी UPI पेमेंट्स UPI ऐप के जरिए होते हैं। केवल फरवरी में ही 753 करोड़ UPI ट्राजैंक्शन हुए थे, जिसमें मर्चेंट ट्रांजैक्शन 415 करोड़ थे।

MDR और इंटरचेंज में क्या अंतर है

दरअसल, हुआ ये है कि सोशल मीडिया पर जो गलतफहमी फैली, उसमें ये समझ आया कि लोगों ने इंटरचेंज और मर्चेंट डिस्काउंट रेट को मिला दिया है. इसको समझने से पहले हमें ये समझना होगा कि इंटरचेंज आखिर होता क्या है। सामान्य परिभाषा में ये कहा जाता है कि ये एक फीस होती है जो एक्वायरिंग बैंक इश्यूअर बैंक को इलेक्ट्रॉनिक ट्रांजैक्शन के लिए देता है। चलिए इसको जरा अब बेहतर तरीके से समझते हैं।

मान लीजिए कि आपके एक क्रेडिट कार्ड है, जो बैंक A ने इश्यू किया है, आप किसी रेस्टोरेंट में जाते हैं, जहां पर एक मशीन B बैंक की. जब आप इस मशीन में अपना कार्ड स्वाइप करते हैं तो बैंक B कुल अमाउंट का एक छोटा सा प्रतिशत बैंक A को इस ट्रांजैक्शन को पूरा करने के लिए देता है। यही छोटा सा प्रतिशत कहलाता है इंटरचेंज।


 

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