प्रीमियम ईवी गाड़ियां खरीदना हो सकता है महंगा! आगामी जीएसटी सुधारों में 5% से बढ़कर 18% हो सकता है रेट - Details

GoM का तर्क है कि मौजूदा एक समान 5% टैक्स दर से ज्यादा लाभ हाई इनकम क्लास के लग्जरी खरीदारों को मिल रहा है। रिपोर्ट में कहा गया कि टैक्स स्ट्रक्चर में 'अफोर्डेबल ईवी' और 'प्रिमियम ईवी' के बीच फर्क होना चाहिए।

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By Gaurav Kumar:

GST Rates on Premium EVs: भारत में इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) मार्केट को बढ़ावा देने के लिए अब तक 5% की रियायती GST दर लागू थी। लेकिन जीएसटी काउंसिल की दरों में सुधार की कवायद प्रीमियम ईवी (Premium EV) खरीदारों के लिए बड़ा झटका साबित हो सकती है।

बिजनेस टुडे की सहयोगी करिश्मा आसूदानी ने अपने रिपोर्ट में बताया कि जीएसटी रेट्स में सुधार पर गठित मंत्रियों के समूह (GoM) ने अपनी ड्राफ्ट रिपोर्ट में महंगी ईवी कारों पर टैक्स बढ़ाने की सिफारिश की है।

प्रस्ताव के मुताबिक, ₹20 लाख से ₹40 लाख तक की चार-पहिया ईवी पर जीएसटी 5% से बढ़ाकर 18% किया जा सकता है। वहीं, इलेक्ट्रिक बसों पर अभी भी रियायती दर जारी रहेगी।

GoM का तर्क है कि मौजूदा एक समान 5% टैक्स दर से ज्यादा लाभ हाई इनकम क्लास के लग्जरी खरीदारों को मिल रहा है। रिपोर्ट में कहा गया कि टैक्स स्ट्रक्चर में 'अफोर्डेबल ईवी' और 'प्रिमियम ईवी' के बीच फर्क होना चाहिए। महंगे वाहनों पर रियायत देने से एक ओर जहां रेवेन्यू का नुकसान होता है, वहीं दूसरी ओर यह व्यवस्था असमानता भी पैदा करती है।

सितंबर के पहले हफ्ते में होगा फैसला

सूत्रों के मुताबिक, इस प्रस्ताव पर 56वीं जीएसटी काउंसिल मीटिंग (3-4 सितंबर, नई दिल्ली) में चर्चा होगी। अगर सिफारिशें मंजूर हो गईं, तो लग्जरी ईवी की कीमतें काफी बढ़ सकती हैं, जिससे अमीर खरीदारों की मांग पर असर पड़ना तय है।

जहां एक ओर सरकार किफायती ईवी के जरिए बड़े पैमाने पर अपनाने को प्रोत्साहित करना चाहती है, वहीं टैक्स ढांचे का यह बदलाव प्रीमियम सेगमेंट के लिए गेमचेंजर साबित हो सकता है।

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