Russia से तेल नहीं कोयला खरीद रहा है भारत, दुनिया हैरान !
कोलमिंट के डेटा के मुताबिक सस्ती दरों पर रूस भारत को कोल बेच रहा है और भारतीय खरीदार ऐसे समय में रूसी कोयले की खरीद बढ़ाते हैं जब घरेलू कोयले की कमी होती है। जहां एक तरफ भारत रूस के जरिए किफायती कोयला का फायदा उठा रहा है। वहीं दूसरी ओर यूक्रेन की जंग के बाद प्रतिबंधों में घिरे रूस के सामने रुपए का कैसे इस्तेमाल किया जाए, ये भी समस्या खड़ी हो गई है।

अभी तक की कहानी आपके सामने शीशे की तरह साफ है कि कैसे Russia ने Ukraine पर हमला किया। जिसके बाद America समेत दुनिया के देशों ने रूस पर कई तरह के प्रतिबंध लगाए। इसके बावजूद रूस ने कच्चा तेल भारी डिस्काउंट पर दूसरे देशों को बेचा। जिसके सबसे बड़े खरीदार बने India और China। लेकिन इस बार भारत और रूस मिलकर एक नया खेल खेल रहे हैं, जो तेल का नहीं बल्कि कोयले का है। दरअसल रूस पर तेल के साथ दूसरी कमोडिटी बेचने पर भी प्रतिबंध लगाए गए, जिसमें कोयला भी शामिल है। लेकिन किसी की भी परवाह न करते हुए रूस ने कोयले पर भी दूसरे देशों को भारी डिस्काउंट दिया। मिनिस्ट्री ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के आंकड़ों से समझें तो वित्त वर्ष 2020 में भारत रूस से 4.2% कोयला इंपोर्ट करता था। वहीं वित्त वर्ष 2021 में ये कम होकर 4% हो गया। वित्त वर्ष 2022 आते-आते ये बढ़कर 5.1% के आंकड़े पर पहुंच गया। वहीं वित्त वर्ष 2023 में ये 9.7% और वित्त वर्ष 2024 में जो चल रहा है 13.2% पर पहुंच गया है। यानि कैसे 5.1% से बढ़कर इंपोर्ट का आंकड़ा 13.2% पर पहुंच गया।
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आपको बता दें कि कोयले की कई तरह की फॉर्म होती है। लेकिन यहां भारत ने रूस से कुकिंग कोल का इंपोर्ट बढ़ाया है। वहीं दूसरी ओर इस खरीदारी को अमेरिकी डॉलर के जरिए मापे तो जनवरी 2021 में रूस से भारत ने 47 मिलियन डॉलर का कोल इंपोर्ट किया। वहीं जनवरी 2022 में ये आंकड़ा बढ़कर 194 मिलियन डॉलर पर पहुंच गया। ये वो ही वक्त था जब रूस ने यूक्रेन पर हमला किया था और कई तरह के सेंशन्स लगे थे। वहीं अप्रैल 2023 में कोल इंपोर्ट दोगुना होते हुए 444 मिलियन डॉलर पर पहुंच गया। हाल के महीनों में भारतीय उपभोक्ताओं को रूसी सप्लायर्स के जरिए दी गई भारी छूट ने थर्मल कोयले के इंपोर्ट को काफी प्रोत्साहित किया है, जिसका खास तौर पर इस्तेमाल कुकिंग और बिजली उत्पादन में किया जाता है। पश्चिमी प्रतिबंधों के चलते आ रही दिक्कतों से कोयले की वैश्विक कीमतें लगभग रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गई हैं और रूस ने इस मौके का फायदा उठाते हुए रियायती दरों पर भारत को कोयला बेचा है।
कोलमिंट के डेटा के मुताबिक सस्ती दरों पर रूस भारत को कोल बेच रहा है और भारतीय खरीदार ऐसे समय में रूसी कोयले की खरीद बढ़ाते हैं जब घरेलू कोयले की कमी होती है। जहां एक तरफ भारत रूस के जरिए किफायती कोयला का फायदा उठा रहा है। वहीं दूसरी ओर यूक्रेन की जंग के बाद प्रतिबंधों में घिरे रूस के सामने रुपए का कैसे इस्तेमाल किया जाए, ये भी समस्या खड़ी हो गई है। लेकिन एक्सपर्ट्स की मानें तो आने वाले दिनों में भारत कोयले का इंपोर्ट रूस से ओर बढ़ा सकता है।
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