Gautam Adani: 2025 में अब तक इन भारतीय अरबपतियों की संपत्ति को सबसे ज्यादा नुकसान, अडाणी टॉप पर नहीं - फिर कौन?

घरेलू और वैश्विक अस्थिरता के कारण शेयर बाजारों में जारी तेज गिरावट से कई भारतीय अरबपतियों की संपत्ति कम हुई है। चलिए जानते हैं टॉप पर कौन है?

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By Gaurav Kumar:

Gautam Adani: घरेलू और वैश्विक अस्थिरता के कारण शेयर बाजारों में जारी तेज गिरावट से कई भारतीय अरबपतियों की संपत्ति कम हुई है। मनीकंट्रोल की रिपोर्ट के मुताबिक, सबसे ज्यादा रवि जयपुरिया, केपी सिंह, मंगल प्रभात लोढ़ा, गौतम अडानी, शिव नादर और दिलीप सांघवी की संपत्ति प्रभावित हुई है। 

सबसे ज्यादा इनका गिरा नेट वर्थ

सबसे अधिक नेट वर्थ रवि जयपुरिया का गिरा है जो RJ Corp के फाउंडर हैं। इनकी कंपनी फूड एंड बेवरेज, हेल्थ केयर और शिक्षा जैसे क्षेत्रों में फैली हुई है। रवि जयपुरिया की कुल संपत्ति में लगभग 26% की गिरावट आई, जो 17.6 बिलियन डॉलर से घटकर 13.1 बिलियन डॉलर रह गई है। 

इसका मुख्य कारण उनकी प्रमुख कंपनी वरुण बेवरेजेस का खराब प्रदर्शन था, जिसमें 2025 के अब तक 25% की गिरावट आई है। 

दूसरे और तीसरे नंबर पर ये

रिपोर्ट के मुताबिक रवि जयपुरिया के बाद डीएलएफ के केपी सिंह की संपत्ति सबसे अधिक गिरी है। केपी सिंह की संपत्ति लगभग 25 प्रतिशत घटकर 13.6 अरब डॉलर रही है। तीसरा नंबर पर मैक्रोटेक डेवलपर्स के मंगल प्रभात लोढ़ा है जिनकी संपत्ति 21 प्रतिशत घटकर 9.8 अरब डॉलर रह गई।

गौतम अडाणी की संपत्ति कितनी हुई कम?

अडाणी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडाणी की संपत्ति 20% घटकर 63.4 अरब डॉलर रह गई। 

इसके अलावा जबकि एचसीएल टेक्नोलॉजीज के फाउंडर शिव नादर की संपत्ति भी 20% घटकर 35.6 अरब डॉलर रह गई। 

अन्य की अगर बात करें तो सन फार्मास्युटिकल इंडस्ट्रीज के संस्थापक दिलीप सांघवी, डीमार्ट के राधाकिशन दमानी, ज़ाइडस लाइफसाइंसेज के चेयरमैन पंकज पटेल, शपूर मिस्त्री एंड फैमिली और ओ पी जिंदल ग्रुप की प्रमुख सावित्री जिंदल की संपत्तियां गिरी हैं। 

इन अरबपतियों की संपत्ति ऐसे समय में गिरी है जब भारतीय शेयर बाजार में इस साल भारी गिरावट देखने को मिल रही है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के टैरिफ के कारण ग्लोबल ट्रे़ड वॉर के तनाव के कारण विदेशी निवेशकों लगातार बिकवाली कर रहे हैं जिससे बाजार टूट रहा है। 

YTD आधार पर देखें तो सेंसेक्स और निफ्टी इस साल अब तक लगभग 4.5 प्रतिशत तक गिर चुके हैं। जबकि बीएसई मिडकैप 14 प्रतिशत और बीएसई स्मॉलकैप 17 प्रतिशत से अधिक टूटे हैं। 

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