दिवाली की अगली सुबह घने धुएं और धुंध की चादर में लिपटी नजर आई दिल्ली! गंभीर श्रेणी में में पहुंचा AQI
राष्ट्रीय राजधानी का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 346 दर्ज किया गया, जो ‘बेहद खराब’ (Very Poor) श्रेणी में आता है, जबकि कई इलाकों में स्थिति ‘गंभीर’ (Severe) स्तर तक पहुंच गई।

Delhi air pollution: दीवाली के अगले ही दिन, मंगलवार 21 अक्टूबर को दिल्ली की सुबह घने धुएं और धुंध की चादर में लिपटी नजर आई। राष्ट्रीय राजधानी का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 346 दर्ज किया गया, जो ‘बेहद खराब’ (Very Poor) श्रेणी में आता है, जबकि कई इलाकों में स्थिति ‘गंभीर’ (Severe) स्तर तक पहुंच गई। दिल्ली का AQI फिलहाल ‘बेहद खराब’ से ‘गंभीर’ श्रेणी में बना हुआ है।
पटाखों और पराली के धुएं ने बिगाड़ी हवा
सुप्रीम कोर्ट ने इस बार 'ग्रीन पटाखों' के उपयोग की अनुमति दी थी, लेकिन असलियत इससे अलग रही। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के आंकड़ों के अनुसार, सोमवार रात 10 बजे तक 38 में से 36 निगरानी केंद्र ‘रेड जोन’ में थे। सबसे खराब स्थिति वजीरपुर (AQI 423), द्वारका (417), अशोक विहार (404) और आनंद विहार (404) में दर्ज की गई।
पटाखों से निकले धुएं के साथ पराली जलाने और वाहन प्रदूषण ने मिलकर दिल्ली की हवा को जहरीला बना दिया। कई लोकप्रिय इलाकों- बवाना, जहांगीरपुरी और शादिपुर में भी हवा की गुणवत्ता बहुत खराब रही। पंजाबी बाग (375), आर.के. पुरम (369) और सोनिया विहार (359) में भी AQI 350 से ऊपर रहा।
स्वास्थ्य चेतावनी और विजिबलिटी में कमी
जहरीले धुएं के कारण दृश्यता कम हो गई और हवा में धूल के महीन कणों (PM2.5) की मात्रा खतरनाक स्तर पर पहुंच गई।
स्वास्थ्य विभाग ने लोगों से गैर-जरूरी बाहरी गतिविधियों से बचने, मास्क पहनने और घरों में रहने की सलाह दी है। विशेषज्ञों का कहना है कि 'ग्रीन पटाखे' भी प्रदूषण बढ़ाते हैं, खासकर जब मौसम स्थिर हो और हवा की गति धीमी हो।
सुप्रीम कोर्ट की उम्मीदों पर पानी
अदालत ने उम्मीद जताई थी कि नियंत्रित आतिशबाजी से इस बार हवा साफ रहेगी, लेकिन डेटा ने यह उम्मीद तोड़ दी। विशेषज्ञों का मानना है कि यह स्थिति हर साल की तरह एक 'सिस्टमेटिक फेल्योर' की ओर इशारा करती है जिसमें मौसमी पराली जलाना, ट्रैफिक बढ़ना और पटाखे जलाना ये सब मिलकर राजधानी की हवा को जहरीला बना देते हैं।