क्या भारत पर ट्रंप के टैरिफ के बाद iPhone महंगे हो जाएंगे? जानिए भारतीय ग्राहकों पर कितना होगा असर
एक्सपर्ट के अनुसार अगर एप्पल भारत से अमेरिका को मुनाफे में निर्यात नहीं कर पाता, तो उसकी भारतीय विस्तार योजनाएं धीमी हो सकती हैं और इसका असर उत्पादन मात्रा, कंपोनेंट की लागत और बड़े पैमाने पर उत्पादन से मिलने वाले लाभ पर पड़ेगा- खासकर हाई-एंड Pro और Pro Max मॉडल्स पर।

Apple iPhone: भारत में आईफोन (iPhone) पहले ही अमेरिका की तुलना में 45% तक महंगे हैं। अब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नई टैरिफ नीति, भले ही सीधे तौर पर भारत में बिकने वाले आईफोन को प्रभावित नहीं करती, लेकिन एक्सपर्ट का मानना है कि इसका असर भारतीय ग्राहकों की जेब पर सालों तक पड़ सकता है।
ट्रंप द्वारा घोषित 25% का टैरिफ भारतीय निर्यात पर लगा है जो भारत से अमेरिका निर्यात किए जाते हैं लेकिन एप्पल अब भारत को एक ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग हब के रूप में देख रहा है, और यही रणनीति अब खतरे में है।
एक्सपर्ट के अनुसार अगर एप्पल भारत से अमेरिका को मुनाफे में निर्यात नहीं कर पाता, तो उसकी भारतीय विस्तार योजनाएं धीमी हो सकती हैं और इसका असर उत्पादन मात्रा, कंपोनेंट की लागत और बड़े पैमाने पर उत्पादन से मिलने वाले लाभ पर पड़ेगा- खासकर हाई-एंड Pro और Pro Max मॉडल्स पर।
2025 में iPhone 17 सीरीज के भारत में लॉन्च प्राइस की संभावना:
iPhone 17 Pro Max: ₹1.64 लाख (US: $1,399)
iPhone 17 Pro: ₹1.45 लाख
iPhone 17: ₹79,900–₹89,990
इन कीमतों में शामिल हैं:
15-22% कस्टम ड्यूटी
18% GST
एप्पल का 20-35% मार्जिन
3-5% रिटेलर मार्जिन
Apple की रणनीति थी कि भारत में असेंबली बढ़ाकर कीमतें घटाई जाएं, लेकिन अब यह योजना अनिश्चित दिख रही है। अगर निर्यात मुनाफेदार नहीं रहा, तो स्थानीय उत्पादन घट सकता है, जिससे छूट कम होंगी, कीमतें स्थिर रहेंगी या और बढ़ सकती हैं।
Apple की लॉन्ग टर्म योजना, भारत को चीन के बाद दूसरा सबसे बड़ा iPhone निर्माण केंद्र बनाना था। लेकिन ट्रंप टैरिफ के चलते यह गति थमती नजर आ रही है जिसका सीधा खामियाजा भारतीय ग्राहकों को लंबे समय तक महंगे iPhones के रूप में भुगतना पड़ सकता है।
विशेषज्ञों का मानना है कि अगर Apple भारत से अमेरिका को निर्यात घटाता है, तो स्थानीय सप्लायर्स और कॉन्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चरर्स जैसे Foxconn, Wistron और Tata Electronics के विस्तार पर भी असर पड़ सकता है। इससे न केवल रोजगार सृजन में कमी आएगी, बल्कि भारत की ग्लोबल इलेक्ट्रॉनिक्स हब बनने की संभावनाओं को भी झटका लग सकता है। ऐसे में ट्रंप की नीति का असर सिर्फ उपभोक्ता कीमतों तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि भारत की व्यापक आर्थिक रणनीति पर भी पड़ सकता है।