Black Friday Sale Scam: जालसाजों ने बनाए 2,000 से ज्यादा फेक वेबसाइट! Buy Now पर क्लिक करने से पहले हो जाएं अलर्ट

साइबर सुरक्षा कंपनी CloudSEK ने खुलासा किया है कि साइबर अपराधी इस त्योहार सीजन का फायदा उठाने के लिए 2,000 से अधिक नकली ऑनलाइन स्टोर्स चला रहे हैं। ये साइटें Amazon, Samsung, Apple और Jo Malone जैसे बड़े ब्रांड्स की हूबहू नकल हैं, जिनका मकसद खरीदारों की निजी जानकारी और पेमेंट डेटा चुराना है।

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By Gaurav Kumar:

Black Friday Sale Scam: अगर आप इस Black Friday पर डिस्काउंटेड iPhone 17, आधे दाम पर स्मार्टवॉच या Ray-Ban खरीदने के लिए उत्साहित हैं, तो 'Buy Now' दबाने से पहले दो बार सोच लें।

साइबर सुरक्षा कंपनी CloudSEK ने खुलासा किया है कि साइबर अपराधी इस त्योहार सीजन का फायदा उठाने के लिए 2,000 से अधिक नकली ऑनलाइन स्टोर्स चला रहे हैं। ये साइटें Amazon, Samsung, Apple और Jo Malone जैसे बड़े ब्रांड्स की हूबहू नकल हैं, जिनका मकसद खरीदारों की निजी जानकारी और पेमेंट डेटा चुराना है।

कैसे चल रहा है यह Black Friday स्कैम?

CloudSEK की नई रिपोर्ट बताती है कि यह हाल के वर्षों में देखे गए सबसे विस्तृत और संगठित फिशिंग नेटवर्क्स में से एक है। नकली वेबसाइटें असली ई-कॉमर्स साइट्स जैसी दिखती हैं।

इनमें फेस्टिव बैनर्स, काउंटडाउन क्लॉक्स, फर्जी ट्रस्ट बैज और रिसेंट पर्चेज जैसे पॉप-अप्स भी दिखते हैं ताकि खरीदारों पर तुरंत खरीदने का दबाव बनाया जा सके।

जैसे ही यूजर चेकआउट पर पहुंचता है, उनका डेटा जालसाजों के पेमेंट पोर्टल्स पर रीडायरेक्ट हो जाता है, जहां से पैसों की चोरी की जाती है।

CloudSEK की रिपोर्ट बताती है कि स्कैम नेटवर्क सोशल मीडिया विज्ञापनों, सर्च इंजन मैनिपुलेशन और WhatsApp के साथ-साथ Telegram लिंक के जरिए तेजी से फैल रहा है। कंपनी का अनुमान है कि हर नकली वेबसाइट कुछ ही समय में सैकड़ों विजिटर्स जुटा लेती है और उनमें से 3-8% तक शिकार बन जाते हैं, जिससे एक साइट हटने से पहले ही $2,000 से $12,000 तक की कमाई हो सकती है।

ऐसे स्कैम से कैसे बचें?

CloudSEK और साइबर विशेषज्ञों ने इस शॉपिंग सीजन में कुछ चेतावनियां दी हैं जिसको देखकर आप पता कर सकते हैं कि ये वेबसाइट असली हैं या नकली?

  • 70-90% तक की अनरियल छूट के ऑफर्स मिलना
  • काउंटडाउन टाइमर और 'लास्ट कुछ ही बचे हैं' जैसे पॉप-अप आना
  • गलत स्पेलिंग या नॉर्मल URLs ना होना
  • फर्जी ट्रस्ट बैज या अनवेरिफाइड सर्टिफिकेट होना
  • चेकआउट के समय अनजान साइट पर रीडायरेक्ट होना
  • कई ब्रांड्स में एक जैसे टेम्प्लेट का उपयोग किया जाना 

अगर आपको इन सब चीजों में से कुछ भी दिखाई देता है तो सावधान हो जाइए।

 

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