Yes Bank तलाश रहा है नए Promoter, क्या होगा Stock पर असर?
एसेट्स के हिसाब से देश का छठा सबसे बड़ा प्राइेट बैंक यस बैंक एक नए प्रमोटर की तलाश कर रहा है। मीडिया में छपी रिपोर्ट्स के मुताबिक बैंक 8-9 बिलियन डॉलर के लक्ष्य के वैल्यूएशन के लिए अपनी 51% हिस्सेदारी बेचने का प्लान बना रहा है, जो कि इसके मौजूदा बाजार वैल्यूएशन 7.2 बिलियन डॉलर से काफी ज्यादा है।संभावित खरीदार के सर्च को सुविधाजनक बनाने के लिए सिटीग्रुप की भारत इकाई को ये जिम्मेदारी दी गई है।

पिछले कुछ दिनों से लगातार गिरावट झेल रहे Yes Bank में अचानक उछाल क्यों आया है? इसके पीछे के कारण क्या हैं? कारण तो जानेंगे ही साथ ही ये भी समझने की कोशिश करेंगे कि इस स्टॉक के लिए अब गिरावट का दौर खत्म हो चुका है। ये स्टॉक अपने 52 वीक हाई 32 के लेवल पर जाने के लिए तैयार है या नहीं। तो सबसे पहले समझते हैं कि आखिर स्टॉक में तेजी आई क्यों हैं?
एसेट्स के हिसाब से देश का छठा सबसे बड़ा प्राइेट बैंक यस बैंक एक नए प्रमोटर की तलाश कर रहा है। मीडिया में छपी रिपोर्ट्स के मुताबिक बैंक 8-9 बिलियन डॉलर के लक्ष्य के वैल्यूएशन के लिए अपनी 51% हिस्सेदारी बेचने का प्लान बना रहा है, जो कि इसके मौजूदा बाजार वैल्यूएशन 7.2 बिलियन डॉलर से काफी ज्यादा है।संभावित खरीदार के सर्च को सुविधाजनक बनाने के लिए सिटीग्रुप की भारत इकाई को ये जिम्मेदारी दी गई है।
यस बैंक ने इस कोशिश में भाग लेने के लिए मौजूदा शेयरधारकों समेत अलग-अलग भारतीय लेंडर्स यानि ऋणदाताओं को निमंत्रण भेजा है। यस बैंक में कम से कम 51% हिस्सेदारी की बिक्री के लिए जापान, पश्चिम एशिया और यूरोप के बैंकों और वित्तीय संस्थानों के साथ चर्चा शुरू कर दी है। हालांकि 26% से ज्यादा हिस्सेदारी रखने वाले किसी भी नए प्रमोटर को केंद्रीय बैंक के नियमों के मुताबिक भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) से स्पेशन अप्रूवल लेना होगा।
अब बात करते हैं कि संभावित हिस्सेदारी बिक्री कौन-कौन कर रहा है यानि कौन-कौन शेयरहोल्डर्स एग्जिट हो रहे हैं ? भारतीय स्टेट बैंक, भारतीय जीवन बीमा निगम यानि LIC, HDFC बैंक लिमिटेड और ICICI बैंक लिमिटेड जैसे प्रमुख शेयरधारक अपना हिस्सा बेच सकते हैं, जिन्होंने 2020 में यस बैंक को बचाने के लिए हस्तक्षेप किया था। जब ये अपने पिछले मैनेजमेंट के तहत कॉलेपेस यानि पतन का सामना कर रहा था।
चूंकि SBI 29 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ सबसे बड़ा शेयरधारक है, इसलिए उसने नियुक् इन्वेसटमेंटश बैंकर को आश्वासन दिया है कि आने वाले प्रमोटर को दिन-प्रतिदिन की मैनेजमेंट को सभी प्रक्रियाओं में स्पष्टता सुनिश्चित करने के लिए 51 प्रतिशत तक ऑनरशिप मिलेगी। अब यहां समझने की जरूरत है कि आखिर यस बैंक के स्टॉक में करना क्या है? क्या 52 वीक हाई तक वापस पहुंचेगा ये स्टॉक? इसके लिए बिजनेस टुडे बाजार ने बात की Hensex Securities
के AVP Research & BD Mahesh Ojha से। उनका कहना है कि ऑनरशिप बदलाव के बाद यस बैंक के वित्तीय प्रदर्शन में सुधार हुआ है, इसके डिपॉजिट बेस में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। उनका कहना है कि प्रमोटर्स की तलाश की पूरी प्रक्रिया लंबी है लेकिन खबर पॉजिटिव है। जिसका असर स्टॉक में तेजी के तौर पर देखने को मिल रहा है। उनका कहना है कि 35 से 38 के लेवल अगर टूटेंगे तो ये स्टॉक 48 रुपये के लेवल पर भी जा सकता है।