दिग्गज ऑटो कंपनी टाटा मोटर्स का शेयर धड़ाम! 5% से ज्यादा टूटा भाव, ये है बड़ी वजह

कंपनी ने कई वर्तमान और उभरते जोखिमों के बारे में बताया, जैसे सेमीकंडक्टर की कमी, एल्यूमिनियम सप्लायर बाढ़, यूके में बढ़ती चोरी, अमेरिकी टैरिफ, बैटरी इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (BEVs) की ओर लोगों का झुकाव, हार्ड रेगुलेशन और ग्राहक उम्मीदों में बदलाव।

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By Gaurav Kumar:

Tata Motors Share Price: टाटा मोटर्स के शेयर सोमवार को 5% से ज्यादा गिरकर अपने इंट्राडे लो 672.75 रुपये पर पहुंच गया। शेयर में यह गिरावट इसलिए आई क्योंकि ब्रिटिश लक्जरी यूनिट Jaguar Land Rover (JLR) ने अपने लेटेस्ट इन्वेस्टर प्रेजेंटेशन में FY26 में फ्री कैश फ्लो “लगभग जीरो” रहने की बात कही। इस दौरान, कंपनी ने कई मैक्रो जोखिमों के बारे में भी बताया जो इसके फायदे को प्रभावित कर सकते हैं।

JLR ने यह स्पष्ट किया है कि वह अपनी निवेश योजनाओं के प्रति पूरी तरह प्रतिबद्ध है और उसका लक्ष्य EBIT मार्जिन को 5-7% की सीमा में बनाए रखाना है। कंपनी ने प्रेजेंटेशन में कहा कि हमारी रिमैगेन यात्रा का मकसद एंटरप्राइज ट्रांसफॉर्मेशन के जरिए सालाना 1.4 बिलियन यूरो के बेनेफिट लाना है।

Tata Motors Share Price

खबर लिखे जानें तक सुबह 10:37 बजे तक कंपनी का शेयर बीएसई पर 4.36% या 31.05 रुपये टूटकर 681 रुपये पर ट्रेड कर रहा था तो वहीं एनएसई पर स्टॉक 4.49% या 31.95 रुपये टूटकर 680.10 रुपये पर कारोबार कर रहा था।

कंपनी ने कई वर्तमान और उभरते जोखिमों के बारे में बताया, जैसे सेमीकंडक्टर की कमी, एल्यूमिनियम सप्लायर बाढ़, यूके में बढ़ती चोरी, अमेरिकी टैरिफ, बैटरी इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (BEVs) की ओर लोगों का झुकाव, हार्ड रेगुलेशन और ग्राहक उम्मीदों में बदलाव।

चीन, जो दुनिया का सबसे बड़ा ऑटो मार्केट है, वहां JLR को प्रीमियम कार सेगमेंट में दबाव का सामना करना पड़ सकता है। कंपनी ने कहा कि क्रेडिट इश्यू में गिरावट और डीलरशिप्स की संख्या में कमी के चलते FY25 में प्रीमियम मार्केट में 15% की कमी होने की संभावना है।

यूएस टैरिफ के प्रभाव से निपटने के लिए JLR ने अप्रैल में वहां की शिपमेंट रोक दी थी। अब कंपनी मूल्य रणनीतियों की जांच कर रही है और ऑर्डर्स को ऐसे बाजारों में भेज रही है जहां टैरिफ की बाधा कम हो – ताकि प्रॉफिट की डिलीवरी सुनिश्चित की जा सके।

दूसरी ओर, टाटा मोटर्स ने मार्च 2025 तिमाही के लिए 51% की गिरावट के साथ ₹8,470 करोड़ का कंसो नेट प्रॉफिट दर्ज किया जो एक साल पहले इसी तिमाही में यह ₹17,407 करोड़ था। रेवेन्यू मामूली बढ़कर ₹1,19,503 करोड़ रहा जो अनुमान से कम था।

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