शेयर बाजार में अचानक आई तूफानी तेजी! सेंसेक्स 700 अंक चढ़ा, निफ्टी50 इंडेक्स भी चमका - ये है वजह
बैंकिंग, फाइनेंशियल सर्विस, ऑटो और फार्मा सेक्टर के शेयरों में अच्छी खरीदारी देखने को मिली है। Shriram Finance, Tata Motors, Trent, Kotak Mahindra Bank और Sun Pharma जैसे बड़े शेयरों में 4% तक की तेजी देखने को मिली है।

Sensex, Nifty: बुधवार को भारतीय शेयर बाजार में मजबूत रिकवरी देखने को मिली, जहां सेंसेक्स 658.10 अंक (0.82%) बढ़कर 80,925.72 और निफ्टी 192.30 अंक (0.78%) ऊपर जाकर 24,803.40 पर कारोबार कर रहा था। बैंकिंग, फाइनेंशियल सर्विस, ऑटो और फार्मा सेक्टर के शेयरों में अच्छी खरीदारी देखने को मिली है।
Shriram Finance, Tata Motors, Trent, Kotak Mahindra Bank और Sun Pharma जैसे बड़े शेयरों में 4% तक की तेजी देखने को मिली है।
इन कारणों से आई तेजी
1. बैंक शेयरों में खरीदारी
RBI की घोषणा के बाद बाजार में बैंक शेयरों में जबरदस्त खरीदारी देखने को मिली। RBI ने कैपिटल मार्केट लेंडिंग और बैंकिंग ऑपरेशंस को लेकर कुछ अहम उपायों की घोषणा की, जिससे बैंकिंग सेक्टर को राहत और लचीलापन मिलेगा।
इन प्रस्तावों में बैंकों द्वारा कैपिटल मार्केट में लोन देने के दायरे का विस्तार, उधारकर्ताओं को खाते चलाने में ज्यादा लचीलापन देना, और लिस्टेड सिक्योरिटीज के बदले लोन देने पर अब तक की लगी नियामकीय सीमा को हटाना शामिल है।
इन फैसलों का असर बाजार में साफ दिखा, जहां Bank Nifty करीब 700 अंक चढ़ा और Fin Nifty में भी 1.2% की मजबूती देखी गई।
2. ग्लोबल संकेत
दुनियाभर के बाजारों से मिले मिले-जुले लेकिन कुछ हद तक पॉजिटिव संकेतों का असर घरेलू बाजार पर भी पड़ा। दक्षिण कोरिया का Kospi इंडेक्स हरे निशान में बंद हुआ, जबकि अमेरिकी बाजार मंगलवार को मजबूती के साथ बंद हुए। इसके अलावा, कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट भी एक राहत भरी खबर रही।
Brent crude करीब 1.4% टूटकर USD 67.02 प्रति बैरल पर आ गया, जिससे महंगाई के दबाव में थोड़ी नरमी आ सकती है।
3. रुपया मजबूत
डॉलर के मुकाबले 5 पैसे मजबूत होकर 88.75 पर पहुंचा।
4. India VIX में कमी
वॉलैटिलिटी को मापने वाला India VIX इंडेक्स 3.68% गिरकर 10.66 पर पहुंचा।
5. RBI ने दिसंबर में संभावित दर कट की गुंजाइश छोड़ी
RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा कि मौजूदा मैक्रोइकॉनॉमिक हालात ऐसे हैं जो विकास को सपोर्ट करने के लिए नीति में बदलाव की गुंजाइश छोड़ते हैं। इसका मतलब है कि आने वाले महीनों, खासकर दिसंबर में ब्याज दरों में कटौती की संभावना बनी हुई है। इस बार रेपो रेट को 5.5% पर स्थिर रखा गया और मौद्रिक नीति समिति (MPC) ने न्यूट्रल स्टांस को बनाए रखने का फैसला किया।