यूएस टैरिफ का भारतीय स्टॉक मार्केट पर कितना असर? जानिए सेंसेक्स- निफ्टी का क्या है आउटलुक और निवेशक क्या करें

एंटीक स्टॉक ब्रोकिंग ने कहा कि एफपीआई इक्विटी फ्लो पर असर हो सकता है क्योंकि अमेरिका का हिस्सा भारत की कस्टडी में मौजूद एफपीआई एसेट्स का 40% है। लेकिन मजबूत एसआईपी फ्लो के चलते घरेलू म्यूचुअल फंड सपोर्ट बनाए रखेंगे।

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By Gaurav Kumar:

US Tariffs impact on stock market: अमेरिकी प्रशासन द्वारा भारतीय आयात पर 25 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ लगाने के बाद अर्थशास्त्रियों का अनुमान है कि भारत की जीडीपी ग्रोथ पर 50-80 बेसिस प्वाइंट का दबाव पड़ सकता है। इसके अलावा विदेशी इक्विटी निवेश पर भी असर पड़ने की आशंका जताई जा रही है। हालांकि एक्सपर्ट्स का मानना है कि ब्रॉर्डर मार्कट पर असर सीमित रहेगा।

डीबीएस बैंक की अर्थशास्त्री राधिका राव ने कहा कि भारत ने अभी तक कोई सख्त जवाबी कार्रवाई नहीं की हैं ताकि बातचीत की संभावना बनी रहे। उन्होंने बताया कि फार्मा, सेमीकंडक्टर्स और इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे प्रमुख सेक्टर अभी टैरिफ से बाहर हैं, जबकि स्टील-एल्युमिनियम पर 50% और ऑटो-पार्ट्स पर 25% ड्यूटी लगने से कुल प्रभावी दर 33-35% तक पहुंच गई है।

राव के अनुसार टेक्सटाइल्स में सब्स्टीट्यूशन इफेक्ट ज्यादा है, इसलिए इस पर ज्वेलरी की तुलना में ज्यादा दबाव रहेगा।

भारतीय शेयर मार्केट पर कितना असर?

एंटीक स्टॉक ब्रोकिंग ने कहा कि एफपीआई इक्विटी फ्लो पर असर हो सकता है क्योंकि अमेरिका का हिस्सा भारत की कस्टडी में मौजूद एफपीआई एसेट्स का 40% है। लेकिन मजबूत एसआईपी फ्लो के चलते घरेलू म्यूचुअल फंड सपोर्ट बनाए रखेंगे।

जियोजित इन्वेस्टमेंट्स के चीफ इन्वेस्टमेंट स्ट्रैटेजिस्ट वी.के. विजयकुमार ने कहा कि 50% टैरिफ, बाजार सेंटिमेंट पर शॉर्ट टर्म के लिए दबाव डालेंगे। वी.के. विजयकुमार ने निवेशकों को सलाह दी कि ओवरवैल्यूड स्मॉलकैप्स से पैसा निकालकर डोमेस्टिक कंजम्प्शन आधारित लार्जकैप्स में शिफ्ट करें।

इधर अमेरिकी वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट ने कहा कि 'आखिरकार भारत और अमेरिका साथ आएंगे’। 

एंटीक ने अनुमान लगाया है कि शुरुआती 3-6 महीने में सप्लाई चेन और पेपरवर्क के कारण असर सीमित रहेगा और टेक्सटाइल कंपनियां ही सबसे ज्यादा प्रभावित होंगी।

सेंसेक्स-निफ्टी आउटलुक

पीएल कैपिटल की वाइस प्रेसिडेंट (टेक्निकल रिसर्च) वैशाली पारेख ने कहा कि निफ्टी 24,850 पर 50-EMA तोड़ चुका है। पारेख ने कहा कि 24,500 का लेवल अहम सपोर्ट है। ऊपर की ओर 25,000 पार करना जरूरी होगा ताकि सेंटीमेंट सुधरे।

सेंसेक्स के लिए उन्होंने 80,826 को 100-EMA सपोर्ट बताया। उन्होंने कहा कि अगर यह 80,300 के नीचे जाता है तो 79,700 अगला लेवल होगा।

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