सेठ वालचंद हीराचंद की इस कंपनी ने दिया मल्टीबैगर रिटर्न
हो सकता है कि आपने वालचंद हीराचंद का नाम नहीं सुना हो। लेकिन आपके पास हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटडे का शेयर जरूर होगा। ये वो कंपनी है।जो आजकल काफी चर्चा में है और इसके शेयर ने मल्टीबैगर रिटर्न दिया है। लेकिन आपको इस कंपनी के बारे में एक आश्चर्यजनक तथ्य मालूम है।

वालचंद हीराचंद
दरअसल इस कंपनी की स्थापना हिंदुस्तान वालचंद हीराचंद ने की थी। यह कंपनी भारत में एयरोस्पेस और रक्षा क्षेत्र में अग्रणी है। इसकी स्थापना 23 दिसंबर 1940 को हुई थी, और इसका मुख्यालय बेंगलुरु, कर्नाटक में स्थित है। शुरू में इसे हिंदुस्तान एयरक्राफ्ट लिमिटेड के नाम से जाना जाता था। इसके बाद, 1942 में भारतीय सरकार ने इसमें हिस्सेदारी ली और इसे पूरी तरह से सरकारी कंपनी बना दिया गया, जिसके बाद इसका नाम बदलकर हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड रखा गया।
लेकिन ऐसा नहीं है कि वालचंद हीराचंद ने सिर्फ इस कंपनी की स्थापना की।उन्होंने देश की आर्थिक तरक्की के लिए कई और कंपनियों को भी बनाया। लेकिन सबसे पहले जान लिजिए वालचंद हीराचंद का जन्म कहां हुआ था।
वालचंद हीराचंद का जन्म 23 नवंबर 1882 को महाराष्ट्र के सोलापुर में हुआ था। वह व्यापार और उद्योग के क्षेत्र में नए-नए प्रयोग करने वाले एक दूरदर्शी व्यक्ति थे। उन्होंने भारत के विभिन्न क्षेत्रों में बड़ी कंपनियों की स्थापना की, जिनमें शामिल हैं:
हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL)
हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL): वालचंद ने भारतीय एयरोस्पेस उद्योग की नींव रखी, जब उन्होंने 1940 में बेंगलुरु में हिंदुस्तान एयरक्राफ्ट लिमिटेड की स्थापना की। यह भारतीय विमान निर्माण के क्षेत्र में एक मील का पत्थर था।
हिंदुस्तान शिपयार्ड लिमिटेड: उन्होंने विशाखापत्तनम में हिंदुस्तान शिपयार्ड की स्थापना की, जो भारत का पहला आधुनिक शिपयार्ड था। यह भारतीय नौवहन और जहाज निर्माण के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम था।
वालचंदनगर इंडस्ट्रीज लिमिटेड: उन्होंने विभिन्न प्रकार के भारी मशीनरी और निर्माण उद्योगों में निवेश किया। उनकी कंपनी वालचंदनगर इंडस्ट्रीज आज भी अस्तित्व में है और कई उद्योगों में योगदान दे रही है।
ऑटोमोबाइल क्षेत्र: उन्होंने भारत में ऑटोमोबाइल उद्योग की भी नींव रखी। 1944 में, उन्होंने प्रीमियर ऑटोमोबाइल कंपनी (PAC) की स्थापना की, जिसने भारत में पहली बार कारों और ट्रकों का उत्पादन शुरू किया।
भारतीय उद्योग में आत्मनिर्भरता और स्वदेशी उत्पादन की दिशा में बड़े कदम
वालचंद हीराचंद के प्रयासों ने भारतीय उद्योग में आत्मनिर्भरता और स्वदेशी उत्पादन की दिशा में बड़े कदम उठाए। उन्होंने आधुनिक भारत के औद्योगिकीकरण में महत्वपूर्ण योगदान दिया, जिससे देश में विभिन्न क्षेत्रों में स्थानीय उत्पादन और निर्माण का मार्ग प्रशस्त हुआ। आज एचएएल और हिंदुस्तान शिपयार्ड भारत की दिग्गज कंपनियां बनकर उभरी हैं। ये सब वालचंद हीराचंद की वजह से हो पाया है।