निफ्टी 50 की वो कंपनी जिसका दिवालिया निकल गया?
निफ्टी 50 में शामिल कंपनियां आमतौर पर भारत की सबसे बड़ी और सबसे स्थिर कंपनियों में से होती हैं, लेकिन इतिहास में एक ऐसी कंपनी थी जो निफ्टी 50 में शामिल होने के बाद बैंकक्रप्ट (दिवालिया) हो गई। इस कंपनी का नाम था जेट एयरवेज़।

निफ्टी 50 में शामिल कंपनियां आमतौर पर भारत की सबसे बड़ी और सबसे स्थिर कंपनियों में से होती हैं, लेकिन इतिहास में एक ऐसी कंपनी थी जो निफ्टी 50 में शामिल होने के बाद बैंकक्रप्ट (दिवालिया) हो गई। इस कंपनी का नाम था जेट एयरवेज़।
जेट एयरवेज (Jet Airways)
निफ्टी 50 में शामिल: जेट एयरवेज कभी भारत की सबसे बड़ी और प्रमुख एयरलाइन कंपनी थी। इसे 2000 के दशक में निफ्टी 50 में शामिल किया गया था, जब यह अपने कारोबार में उछाल के दौर से गुजर रही थी और एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में जानी जाती थी।
वित्तीय समस्याएँ: जेट एयरवेज को समय के साथ कई वित्तीय संकटों का सामना करना पड़ा। बढ़ते कर्ज, बढ़ते तेल के दाम, एयरलाइन इंडस्ट्री में कड़ी प्रतिस्पर्धा और ऑपरेशनल लागतें इसके मुख्य कारण बने। इसके अलावा, गलत प्रबंधन और रणनीतिक निर्णयों ने कंपनी की हालत और खराब कर दी।
बैंकक्रप्ट की घोषणा: अप्रैल 2019 में, जेट एयरवेज ने अपने सभी ऑपरेशनों को रोक दिया क्योंकि वह अपने लेनदारों, कर्मचारियों और अन्य खर्चों का भुगतान नहीं कर पा रही थी। इसके बाद कंपनी को दिवालिया घोषित कर दिया गया, और नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) में इसके खिलाफ दिवालिया कार्यवाही शुरू की गई।
मर्जर के प्रयास: कई बार इसे पुनर्जीवित करने और नया निवेश लाने की कोशिशें की गईं, लेकिन अंततः इसे स्थिर रूप से चलाने में सफलता नहीं मिली। कंपनी के अधिग्रहण के लिए कई बोली लगाने वालों ने भी प्रयास किए। 2020 में जेट एयरवेज को कलरॉक-जयपुरा कंसोर्टियम ने खरीदने की योजना बनाई, लेकिन इसे फिर से संचालन में लाने में समय लगा।
नरेश गोयल, जेट एयरवेज के संस्थापक और पूर्व चेयरमैन,
नरेश गोयल, जेट एयरवेज के संस्थापक और पूर्व चेयरमैन, पर कई गंभीर आरोप लगे। नरेश गोयल पर प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने धनशोधन के आरोप लगाए। उन पर आरोप था कि उन्होंने जेट एयरवेज के माध्यम से अवैध रूप से धन विदेशों में भेजा और वित्तीय गड़बड़ी की। गोयल पर आरोप था कि उन्होंने जेट एयरवेज के खातों से पैसा हटाकर फर्जी कंपनियों के माध्यम से धन को सफेद किया। भारतीय बैंकों के एक समूह ने नरेश गोयल और जेट एयरवेज के खिलाफ धोखाधड़ी के मामले दर्ज किए। विशेष रूप से पंजाब नेशनल बैंक (PNB) ने गोयल पर बैंक से करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी करने का आरोप लगाया। कंपनी के द्वारा बैंकों से लिया गया कर्ज वापस नहीं चुकाया गया, जिससे कंपनी के खिलाफ कई कानूनी मामले दर्ज किए गए।