टाटा पावर, एनटीपीसी, पावर ग्रिड, ACME सोलर: ब्रोकरेज ने दिया BUY कॉल - चेक करें टारगेट प्राइस

ब्रोकरेज का कहना है कि सितंबर 2025 की शुरुआती 19 दिनों में भारत की बिजली खपत में केवल हल्की रिकवरी देखने को मिली। इस दौरान पीक डे-टाइम डिमांड साल-दर-साल (YoY) 1% और ईवनिंग डिमांड 5% बढ़ी।

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By Gaurav Kumar:

Stocks to BUY: टाटा पावर, एनटीपीसी, पावर ग्रिड और एसीएमई सोलर को घरेलू ब्रोकरेज हाउस IIFL सिक्योरिटीज ने पावर सेक्टर में अपनी टॉप पसंद बताया है। ब्रोकरेज का कहना है कि सितंबर 2025 की शुरुआती 19 दिनों में भारत की बिजली खपत में केवल हल्की रिकवरी देखने को मिली। इस दौरान पीक डे-टाइम डिमांड साल-दर-साल (YoY) 1% और ईवनिंग डिमांड 5% बढ़ी।

IIFL ने कहा कि उसे डिफेंसिव स्टॉक्स पसंद हैं, जैसे NTPC (टारगेट प्राइस: ₹405) और Power Grid (टारगेट प्राइस: ₹365)।

साथ ही, ब्रोकरेज ने Tata Power (टारगेट प्राइस: ₹445) जैसे डाइवर्सिफाइड डेवलपर्स और Acme Solar (टारगेट प्राइस: ₹335) जैसे स्टॉक्स को प्राथमिकता दी है, जिनमें मार्जिन ऑफ सेफ्टी ज्यादा है। ब्रोकरेज के अनुसार, Acme Solar की पोजिशनिंग उसकी RE Developer Evaluation Framework पर बेहतर है।

दूसरी ओर, IIFL ने चेतावनी दी कि JSW Energy जैसे स्टॉक्स, जो स्पॉट पावर प्राइस पर ज्यादा निर्भर हैं, कमजोर डिमांड और क्षमता में तेज बढ़ोतरी के चलते कम आकर्षक हैं। इससे मर्चेंट प्रॉफिट्स पर दबाव पड़ सकता है।

ब्रोकरेज ने बताया कि YTD ग्रोथ सुस्त रही है। डे-टाइम डिमांड 3% घटी है और ईवनिंग डिमांड सिर्फ 1% बढ़ी है। हालांकि सितंबर की शुरुआत में 3.5% की बढ़ोतरी हुई थी, लेकिन बेस डिमांड लगभग फ्लैट बनी रही।

IIFL के अनुसार, पिछले 12 महीनों में करीब 45GW नई कैपेसिटी एडिशन, मजबूत रिन्यूएबल और हाइड्रो जेनरेशन के चलते कोल प्लांट्स की यूटिलाइजेशन और मर्चेंट रियलाइजेशन दबे हुए हैं। FY26 में अब केवल 30-45 दिन का परंपरागत हाई-डिमांड पीरियड बचा है, इसलिए ब्रोकरेज डिफेंसिव और डाइवर्सिफाइड पावर स्टॉक्स पर दांव लगा रहा है।

पिछले एक साल में रिन्यूएबल कैपेसिटी (हाइड्रो को छोड़कर) 40GW बढ़ी, जिससे जेनरेशन 843MUs (6%) बढ़ा। वहीं, हाइड्रो जेनरेशन 96% चढ़ा, लेकिन इसके चलते थर्मल आउटपुट 7BU (10%) घटा, जबकि कोल कैपेसिटी बढ़ाई गई थी।

कमजोर मांग और सोलर बिजली की ज्यादा पैदावार की वजह से रियल टाइम मार्केट (RTM) में बिजली की कीमतों पर दबाव पड़ा है। 1 से 19 सितंबर के बीच करीब 21 गीगावॉट (GW) सोलर पावर बिक नहीं पाई, जबकि बिजली की कीमतें ₹1 प्रति यूनिट (kWh) से भी कम रहीं।

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