आज हरे निशान पर शेयर बाजार लेकिन ईरान - इजरायल के बीच युद्ध अभी भी जारी, इन क्षेत्रों पर रखें नजर

ब्रोकरेज एमके ग्लोबल (Emkay Global) ने अपनी रिपोर्ट में ईरान और इजरायल के बीच चल रहे युद्ध पर किन क्षेत्रों पर नजर रखनी चाहिए यह बताया है। चलिए डिटेल में जानते हैं। 

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By Gaurav Kumar:

Stock Market: सोमवार को शेयर बाजार में अच्छी तेजी देखने को मिल रही है। सुबह 11:13 बजे तक सेंसेक्स 0.73% या 596.07 अंक चढ़कर 81,714.67 अंक पर कारोबार कर रहा था तो वहीं निफ्टी 0.77% या 191.30 अंक की तेजी के साथ 24,909.90 अंक पर कारोबार कर रहा था।

हालांकि ईरान और इजरायल के बीच युद्ध अभी भी जारी है जिससे भारतीय शेयर बाजार पर असर पड़ सकता है। इसी बीच ब्रोकरेज एमके ग्लोबल (Emkay Global) ने अपनी रिपोर्ट में ईरान और इजरायल के बीच चल रहे युद्ध पर किन क्षेत्रों पर नजर रखनी चाहिए यह बताया है। चलिए डिटेल में जानते हैं। 

ब्रोकरेज एमके ग्लोबल (Emkay Global) ने अपनी ताजा वीकली रिपोर्ट में कहा है कि इजराइल-ईरान युद्ध से मध्य पूर्व में भू-राजनीतिक तनाव और गहराया है, जिससे ग्लोबल मार्केट के लिए शॉर्ट टर्म में जोखिम बढ़ गया है। भारत के लिए तत्काल चिंता का विषय कच्चे तेल की कीमतों में तेजी है, जो करंट अकाउंट डेफिसीट, राजकोषीय संतुलन और महंगाई को प्रभावित कर सकती है।

हालांकि, ब्रोकरेज का मानना है कि यह प्रभाव अस्थायी होगा, क्योंकि एनर्जी ट्रांजिशन और पश्चिमी देशों में सुस्त वृद्धि के चलते कच्चे तेल की मांग में कमजोरी है। रिपोर्ट में कहा गया कि विदेशी पोर्टफोलियो इनफ्लो पर भी असर पड़ सकता है, लेकिन जब तक कच्चे तेल की ऊंची कीमतें दो-तीन महीने से अधिक नहीं टिकतीं, तब तक भारत के इक्विटी बाजार पर आउटलुक पॉजिटिव होगा। 

ब्रोकरेज ने कहा कि तेल कंपनियां, ऑटो निर्माताओं और कंज्यूमर स्टेपल्स पर लगातार ऊंची तेल कीमतों का दबाव पड़ सकता है। इसके अलावा, कुछ फार्मा एपीआई और केमिकल कंपनियों को कच्चे माल की लागत में बढ़ोतरी का सामना करना पड़ सकता है।

बाजार में संभावित ब्रेक - ब्रोकरेज

9 अप्रैल को टैरिफ रोक की घोषणा के बाद निफ्टी में अभी तक 10% की तेजी आई है। इस रैली के बाद वैल्यूएशन में ब्रेक नहीं लगा है और मध्य पूर्व में तनाव बढ़ने पर बाजार में करेक्शन आ सकता है। ब्रोकरेज ने भारत के मीडियम ट के दृष्टिकोण को लेकर भरोसा जताया है।

वैल्यूएशन और SMIDs पर नजर

रिपोर्ट के मुताबिक, बीएसई 200 के 38% शेयर अब अपने 5-साल के एवरेरज वैल्यूएशन से ऊपर ट्रेड कर रहे हैं, जबकि यह आंकड़ा 9 अप्रैल को महज 12% था। इसके बावजूद, एमके का मानना है कि स्मॉल और मिडकैप शेयर अब भी आकर्षक हैं जिसका कारण बेहतर बैलेंस शीट, तेज कमाई की उम्मीद और बेहतर सेक्टोरल स्ट्रक्चर है।

FPI फ्लो और कैपिटल मार्केट गतिविधि

ब्रोकरेज के मुताबिक घरेलू म्यूचुअल फंड फ्लो मई में भी मजबूत रहा, जबकि एफपीआई फ्लो में सुधार दिखा है। एमके का अनुमान है कि अमेरिका की धीमी अर्थव्यवस्था के चलते भारत जैसे उभरते बाजारों में फ्लो बढ़ेगा। 

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