SIAM ने दिए हैरान करने वाले आंकड़ें, Auto कंपनियों ने कर दिया कमाल
भारतीय ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री ने 2024 के पहले 11 महीनों में अपने एक्सपोर्ट में जबरदस्त बढ़ोतरी दर्ज की है। सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स यानी SIAM की रिपोर्ट के मुताबिक इस दौरान पैसेंजर व्हीकल्स के एक्सपोर्ट में 7.79 फीसदी और टू-व्हीलर के एक्सपोर्ट में करीब 22 परसेंट का उछाल देखा गया है।

भारतीय ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री ने 2024 के पहले 11 महीनों में अपने एक्सपोर्ट में जबरदस्त बढ़ोतरी दर्ज की है। सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स यानी SIAM की रिपोर्ट के मुताबिक इस दौरान पैसेंजर व्हीकल्स के एक्सपोर्ट में 7.79 फीसदी और टू-व्हीलर के एक्सपोर्ट में करीब 22 परसेंट का उछाल देखा गया है।
जनवरी से नवंबर के बीच हुए प्रोडक्शन का ये डेटा बताता है कि भारतीय ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री एक्सपोर्ट के मामले में तेजी से आगे बढ़ रही है। फिलहाल, भारत कुल पैसेंजर व्हीकल प्रोडक्शन का 14.6 परसेंट टू-व्हीलर का 16.34 फीसदी हिस्सा एक्सपोर्ट करता है।
भारत का टारगेट है कि आने वाले समय में देश में बने 50 फीसदी वाहनों का एक्सपोर्ट किया जाए। इंडस्ट्री के एक्सपर्ट्स का मानना है कि अगले चार से छह साल में भारत का ऑटो एक्सपोर्ट डबल डिजिट ग्रोथ के साथ बढ़ता रहेगा। हालांकि, नवंबर 2024 में ऑटोमोबाइल की रिटेल सेल्स मार्केट की उम्मीद से कम रही है।
अक्टूबर में फेस्टिव सीजन की वजह से मजबूत सेल्स हुई थी। वहीं नवंबर में इसमें पिछले साल के इसी महीने के मुकाबले केवल 11.2 परसेंट की ग्रोथ दर्ज की गई।
नवंबर और दिसंबर में भारत में करीब 48 लाख शादियां हुईं इसके बावजूद टू-व्हीलर और पैसेंजर व्हीकल्स की रिटेल डिमांड में कमी दर्ज की गई है। डेटा के मुताबिक नवंबर में पैसेंजर व्हीकल्स की रिटेल सेल्स में 14 फीसदी की गिरावट आई। जबकि टू-व्हीलर सेल्स में केवल 16 परसेंट की ग्रोथ हुई है जो मार्केट एक्सपेक्टेशन से कम था।
डेटा के मुताबिक, टू-व्हीलर के अलावा, थ्री-व्हीलर और ट्रैक्टर की सेल्स ने भी पॉजिटिव परफॉर्मेंस किया। थ्री-व्हीलर की सेल्स में 4.23 फीसदी और ट्रैक्टर की बिक्री में 29.88 परसेंट की ग्रोथ दर्ज की गई, लेकिन कमर्शियल व्हीकल्स की सेल्स में 6 फीसदी की गिरावट आई।
भारत की ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री एक्सपोर्ट में नए मुकाम हासिल कर रही है। लेकिन डोमेस्टिक मार्केट में सेल्स की कमी इंडस्ट्री के लिए एक चिंता का विषय है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि डिमांड में स्थिरता बनाए रखने के लिए इंडस्ट्री को नई स्ट्रेटेजी की जरूरत होगी।
डिस्क्लेमर: यह जानकारी केवल सूचना के उद्देश्यों के लिए है और इसे निवेश सलाह के रूप में नहीं समझा जाना चाहिए। निवेश निर्णय लेने से पहले एक वित्तीय सलाहकार से परामर्श करने की सिफारिश की जाती है।