Indian Navy से हुआ करार, Sigachi Industries की ग्रोथ को मिलेगा नया मोमेंटम
Share in Focus: Sigachi Industries Ltd के शेयर फोकस में है। कंपनी के स्टॉक पर ब्रोकरेज Share India Securities ने राय दी है। आर्टिकल में पूरा मामला जानते है।

आज Sigachi Industries Ltd. के शेयर फोकस में है। कंपनी में हाल में Indian Navy के साथ करार किया है। Sigachi Industries का शेयर शुक्रवार को BSE पर ₹35.83 पर ट्रेड कर रहा था और कंपनी का मार्केट वैल्यू ₹1,184.07 करोड़ था।
कंपनी की ग्रोथ होगी और तेज
Sigachi का MCC बिजनेस पिछले 5 सालों में 21% CAGR की दर से बढ़ा है। अब कंपनी ने मार्च 2025 की मैनेजमेंट मीटिंग में दावा किया कि आने वाले वर्षों में यह ग्रोथ 25% CAGR तक पहुंच सकती है।
ब्रोकरेज फर्म की राय
ब्रोकरेज फर्म Share India Securities के मुताबिक, Sigachi अपनी ग्लोबल पहुंच, टेक्नोलॉजी में एक्सपर्टीज और मजबूत ग्राहक नेटवर्क के कारण फार्मा सेक्टर में बड़ा खिलाड़ी बनने की ओर है। इसके अलावा, इसका API सेगमेंट में विस्तार इसे और भी आगे ले जा सकता है।
इंडियन नेवी के साथ कंपनी का बड़ा करार
Sigachi ने 13 मार्च 2025 को INS कालींगा (Indian Navy) के साथ एक MoU साइन किया। यह करार "Vizag Navy Marathon Promo cum Conditioning Programme" के लिए हुआ है, जो मार्च 2025 से अक्टूबर 2025 तक हर महीने के दूसरे रविवार को होगा।
ट्रेडिंग विंडो रहेगी बंद, निवेशकों को इंतजार
कंपनी ने स्टॉक एक्सचेंज को जानकारी दी है कि 1 अप्रैल 2025 से इनसाइडर ट्रेडिंग नियमों के तहत ट्रेडिंग विंडो बंद रहेगी। यह मार्च 2025 के फाइनेंशियल रिज्लट की घोषणा के 48 घंटे बाद खुलेगी।
Sigachi Industries Ltd के बारे में
आपको बता दें कि Sigachi Industries Ltd. (SIGACHI) भारत की सबसे बड़ी Microcrystalline Cellulose (MCC) excipient बनाने वाली कंपनी है। यह दुनियाभर में टॉप 5 में शामिल है। कंपनी के हैदराबाद में 5 बड़े मैन्युफैक्चरिंग प्लांट हैं। यह फार्मा एक्ससिपिएंट्स, API इंटरमीडिएट्स, PIM कोटिंग्स और FNN कोटिंग्स बनाती है।
कंपनी 60 से ज्यादा अलग-अलग ग्रेड्स की MCC बनाती है, जो इसे इंडस्ट्री में खास बनाता है। यह अपने ग्राहकों को कस्टमाइज्ड सॉल्यूशंस देती है, जिससे कस्टमर लंबे समय तक जुड़े रहते हैं। अधिकतर कस्टमर कंपनी के साथ सालाना कॉन्ट्रैक्ट करते हैं, जिससे इसका बिजनेस स्थिर बना रहता है। कंपनी की MCC उत्पादन क्षमता 21,700 MTPA हो चुकी है, जो पहले 14,000 MTPA थी।