5 साल में 40 रुपये से 430 रुपये तक पहुंचा यह शेयर, अब शुरू करेगा नया वेंचर

रेस इको चेन (Race Eco Chain Ltd) के शेयरों ने बीते पांच सालों में जबरदस्त रिटर्न दिया है। पांच साल पहले, अगस्त 2019 में इस शेयर का भाव 40 रुपये था, जो अब 430 रुपये तक पहुंच चुका है। इसका मतलब है कि इस शेयर ने 975% का दमदार रिटर्न देकर निवेशकों को मालामाल कर दिया है।

Advertisement
रेस इको चेन (Race Eco Chain Ltd) के शेयरों ने बीते पांच सालों में जबरदस्त रिटर्न
रेस इको चेन (Race Eco Chain Ltd) के शेयरों ने बीते पांच सालों में जबरदस्त रिटर्न

By Pawan Kumar Nahar:

रेस इको चेन (Race Eco Chain Ltd) के शेयरों ने बीते पांच सालों में जबरदस्त रिटर्न दिया है। पांच साल पहले, अगस्त 2019 में इस शेयर का भाव 40 रुपये था, जो अब 430 रुपये तक पहुंच चुका है। इसका मतलब है कि इस शेयर ने 975% का दमदार रिटर्न देकर निवेशकों को मालामाल कर दिया है।

(Race Eco Chain Ltd) शेयर अपने निचले स्तर से 4% तक उछल कर 430 रुपये तक पहुंचा

सोमवार को रेस इको चेन के शेयर अपने निचले स्तर से 4% तक उछल कर 430 रुपये तक पहुंचा। कंपनी का कुल बाजार पूंजीकरण 700 करोड़ रुपये से अधिक का रहा। शुक्रवार को यह शेयर 419.10 रुपये पर बंद हुआ था। इस शेयर ने अपने 52-सप्ताह के निचले स्तर से 85% तक की तेजी दिखाई है। हाल ही में रेस इको चेन ने ऐलान किया था कि वह गणेशा इकोस्फीयर (Ganesha Ecosphere Ltd) के साथ मिलकर से ज्वाइंट वेंचर (JV) करने वाली है, जिसमें कंपनी की भागीदार 51% होगी। इस नए उद्यम के तहत रेस इको चेन प्लास्टिक फ्लेक्स का उत्पादन करने की योजना बना रही है।

गणेशा इकोस्फीयर के शेयरों

सोमवार के सत्र के दौरान गणेशा इकोस्फीयर के शेयरों में 7 फीसदी तक का उछाल देखने को मिला। कंपनी के शेयर 1872.40 रुपये के निचले स्तरों से उछाल कर 2,000 रुपये तक पहुंच गए। कंपनी का बाजार पूंजीकरण करीब 5,000 करोड़ रुपये का रहा। शुक्रवार को यह शेयर 1,932.05 रुपये के भाव पर बंद हुआ था।

नए उद्यम का नाम गणेशा रिसाइकलिंग चेन प्राइवेट लिमिटेड

नए उद्यम का नाम गणेशा रिसाइकलिंग चेन प्राइवेट लिमिटेड होगा। इस नए उद्य के लिए प्राथमिक मंजूरी कंपनी बोर्ड से मिल चुकी है, जबकि इसके समझौता का अंतिम मसौदा तैयार होना बाकी है। इस उद्यम के जरिए प्लास्टिक की बोतलों को फ्लेक्स के रूप में पुन:प्रयोग के योग्य बनाया जाएगा। यह रेस इको चेन की सब्सिडियरी के रूप में काम करेगी।

भारत सरकार का लक्ष्य है कि साल 2025-26 तक पैकेजिंग में 30% रिसाइकिल प्लास्टिक का प्रयोग किया जाए, जिसे साल 2028-29 तक बढ़ाकर 60% तक पहुंचाने का लक्ष्य है। साल 2031 तक इस तरह के प्लास्टिक की डिमांड 10 लाख टन तक पहुंच सकती है।

Read more!
Advertisement