Meesho IPO: आईपीओ लाने के एक और कदम नजदीक मीशो! NCLT से मिली बड़ी मंजरी - जानिए कब तक आ सकता है इश्यू?
ऑनलाइन सस्ता सामान बेचने वाली ई-कॉमर्स कंपनी मीशो (Meesho) आईपीओ लाने के एक और कदम नजदीक आ गई है। पढ़िए पूरी खबर।

Meesho IPO: ऑनलाइन सस्ता सामान बेचने वाली ई-कॉमर्स कंपनी मीशो (Meesho) आईपीओ लाने के एक और कदम नजदीक आ गई है। दरअसल नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) ने ई-कॉमर्स कंपनी मीशो को अपना हेड क्वार्टर अमेरिका के डेलावेयर से वापस भारत लाने की अनुमति दे दी है।
इस मंजूरी के बाद अब कंपनी को अपने अमेरिकी यूनिट से अलग होकर भारतीय फर्म के साथ विलय करना होगा जिससे कंपनी पूरी तरह से भारतीय हो सके।
मीशो को अगर भारतीय शेयर बाजार में लिस्ट होना है तो उसे भारत में पूरी तरह से वापस आना होगा। अपने शुरुआती दिनों साल 2017 में, मीशो के शुरुआती समर्थक, वाई कॉम्बिनेटर (Y Combinator) ने अपनी पोर्टफोलियो कंपनियों को भारत से बाहर स्थित होने की जरूरत बताई थी ताकि उनके लिए फंडिंग और स्केल हासिल करना आसान हो सके।
कब तक आ सकता है आईपीओ?
आपको बता दें कि मीशो ने साल 2024 से भारत में वापस आने की प्रक्रिया शुरू कर दी थी। कंपनी का आईपीओ इस साल के दिवाली तक आ सकता है। आने वाले दिनों में जब कंपनी भारतीय हो जाएगी तो मीशो कुछ ही हफ्तों में भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) के पास अपना ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (डीआरएचपी) दाखिल करेगा।
कंपनी का लक्ष्य इस साल के अंत में, दिवाली के आसपास पब्लिक होना है, और 10 बिलियन डॉलर के वैल्यूएशन पर 1 बिलियन डॉलर तक जुटाना है। इस कदम के साथ, मीशो अब रेजरपे, फोनपे, ग्रो और जेप्टो जैसे भारतीय स्टार्टअप्स की बढ़ती लिस्ट में शामिल हो गया है, जिन्होंने अपना मुख्यालय बाहर रखने के बाद वापस भारत में शिफ्ट किया है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक कंपनी ने मॉर्गन स्टेनली, कोटक महिंद्रा कैपिटल और सिटी को अपना आईपीओ सलाहकार नियुक्त किया है। इसके अलावा जेपी मॉर्गन को भी संभावित रूप से सिंडिकेट में शामिल करने के लिए चर्चा चल रही है।
वित्तीय वर्ष 2023-24 में, सॉफ्टबैंक समर्थित मीशो ने अपने घाटे (ईएसओपी लागतों को छोड़कर) को काफी हद तक कम करके ₹53 करोड़ कर दिया, जो पिछले वित्तीय वर्ष के ₹1,569 करोड़ के नेट घाटे से काफी सुधार है।
वित्त वर्ष 24 में परिचालन से राजस्व में 33% की वृद्धि हुई थी, जो वित्त वर्ष 23 में ₹5,735 करोड़ से बढ़कर ₹7,615 करोड़ हो गया था।