भारत में जेन स्ट्रीट ने SEBI के आदेश के अनुसार जमा किए ₹4,843 करोड़: रिपोर्ट

SEBI ने आरोप लगाया कि जेन ग्रुप ने कथित उल्लंघनों के माध्यम से ₹4,843 करोड़ के अवैध प्रॉफिट कमाया है जिन्हें जब्त कर कंपनी को भारतीय बैंक में एस्क्रो खाता खुलवाकर जमा करने का निर्देश दिया गया था।

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By Gaurav Kumar:

Jane Street: न्यू यॉर्क स्थित प्राप्रायटरी ट्रेडिंग कंपनी जेन स्ट्रीट (Jane Street) पर भारतीय बाजार नियामक सेबी द्वारा कार्रवाई के बाद बड़ी खबर सामने आ रही है। रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक आज जेन स्ट्रीट ने सेबी (SEBI) की अभियोजन कार्रवाई के पालन में भारत में ₹4,843.5 करोड़ (≈ $567 मिलियन) की राशि एस्क्रो खातों में जमा की है।

SEBI ने अपनी अंतरिम कार्यवाही में जेन स्ट्रीट और उसके ब्रांच जैसे JSI इन्वेस्टमेंट्स प्राइवेट लिमिटेड और जेन स्ट्रीट सिंगापुर को सीधे या इनडायरेक्ट तरीके से किसी भी सिक्योरिटी में ट्रांजैक्शन करने से रोक दिया था। SEBI ने आरोप लगाया कि जेन ग्रुप ने कथित उल्लंघनों के माध्यम से ₹4,843 करोड़ के अवैध प्रॉफिट कमाया है जिन्हें जब्त कर कंपनी को भारतीय बैंक में एस्क्रो खाता खुलवाकर जमा करने का निर्देश दिया गया था।

SEBI ने स्टॉक एक्सचेंजों को निर्देश दिया कि वे जेन ग्रुप की भविष्य की ट्रेडिंग और पोजिशन्स की सतर्क निगरानी रखें, ताकि किसी भी प्रकार की चालबाजी न हो सके, खासकर सिक्योरिटी के लेन‑देन में, जब तक जांच पूरी न हो जाए।

जेएन स्ट्रीट का रुख

रॉयटर्स से बातचीत में एक सूत्र ने स्पष्ट किया कि जेन स्ट्रीट का इरादा भारतीय ऑप्शंस में ट्रेडिंग करने का नहीं है। राशि हमने ‘अच्छे विश्वास’ में जमा की है। दूसरे स्रोत ने बताया कि फर्म आदेश से असहमत है और कुछ हफ्तों में SEBI की दलीलों को चुनौती देने के लिए आधिकारिक जवाब भेजेगी।

बाजार पर असर

जेफरीज के आंकड़ों के अनुसार, SEBI की जांच के बाद जेन की ट्रेडिंग पहले ही गिर चुकी थी। भारतीय इक्विटी डेरिवेटिव्स में एफपीआई का योगदान 3-8 प्रतिशत था, जबकि प्राप्रायटरी ट्रेडर्स का हिस्सा 60-65 प्रतिशत था। नीति में दी गई जानकारी के अनुसार, जेन स्ट्रीट की अनुपस्थिति के बाद ऑप्शंस ट्रेडिंग चार महीने के न्यूनतम स्तर तक गिर गई और NSE पर प्रीमियम में औसत से 40 प्रतिशत कमी देखी गई।

वित्तीय दृष्टिकोण

NSE के अलावा, BSE की FY26 की राजस्व की 58 प्रतिशत हिस्सेदारी डेरिवेटिव्स से आती है, जिसमें FPIs का योगदान 3-4 प्रतिशत है। जेफरीज का अनुमान है कि उनमें से केवल 1 प्रतिशत हिस्सा जेएस समूह का था।

SEBI की जांच

SEBI ने बैंक निफ्टी इंडेक्स में कथित “मनिप्युलेटिव गतिविधियों” का हवाला देते हुए यह कार्रवाई की। प्रारंभिक जांच में जेन स्ट्रीट की अत्याधुनिक ट्रेडिंग प्रणाली के माध्यम से एक जटिल और अवैध ट्रेडिंग पैटर्न का पता चला।

जेन स्ट्रीट ने कहा कि हम हर उस क्षेत्र में सबंधित नियमों का पूरी तरह से पालन करने के लिए प्रतिबद्ध हैं, जहां हम काम करते हैं।

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