भारतीय शेयर बाजार के लिए खतरे की घंटी?

भारतीय शेयर बाजार FIIs की बिकवाली से दबाव झेल रहा है। वहीं दूसरी ओर मारुति सुजुकी से लेकर एवन्यू सुपरमार्ट्स तक, Nifty200 के लगभग दो-तिहाई स्टॉक 100-डे के मूविंग एवरेज (DMA) से नीचे ट्रेड कर रहे हैं।

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In the BSE500 index, more than 150 stocks or 30 per cent constituents were in bear grip, these 25 counters have been the latest inclusion to the list.

By Harsh Verma:


भारतीय शेयर बाजार FIIs की बिकवाली से दबाव झेल रहा है। वहीं दूसरी ओर मारुति सुजुकी से लेकर एवन्यू सुपरमार्ट्स तक, Nifty200 के लगभग दो-तिहाई स्टॉक 100-डे के मूविंग एवरेज (DMA) से नीचे ट्रेड कर रहे हैं। इसके अलावा, इनमें से 82 ने अपने 200-डे के स्तर को भी तोड़ दिया है।

भारतीय शेयरों में गिरावट का एक बड़ा कारण, जो चीन के राहत पैकेज के बाद शुरू हुई है। इस वजह से Nifty50 अपने उच्चतम स्तर से 7% नीचे लाकर खड़ा कर दिया है। बेंचमार्क में गिरावट अभी खत्म नहीं हुई है और CLSA के जरिए अगले महीने तक इसमें 5% और गिरावट आने की संभावना है।

CLSA का मानना है कि Nifty50 अगले 20 ट्रेडिंग सेशन्स में अपने 200-DMA को छू सकता है। यह स्तर 2023 के निम्नतम स्तरों से खींचे गए अपट्रेंड चैनल का निचलाडाउन ट्रेंड भी है। Nifty ने पिछले 18 महीनों में सिर्फ दो मौकों पर 200-DMA का टेस्ट किया है और यह तीसरा हो सकता है।

दिलचस्प बात यह है कि इस लिस्ट में सरकारी कंपनियों का दबदबा है, जिसमें कम से कम 26 कंपनियों ने अपने 200-DMA को तोड़ा है। यह कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों के स्टॉक्स के लिए बड़ा सवाल खड़ा हो गया है। BSE PSU ने मंगलवार (22 अक्टूबर) को 19947.50 के अपने 200-दिन के मूविंग एवरेज को तोड़ दिया।

जिन सकारी क्षेत्र की कंपनियों ने अपने 200-दिन के मूविंग एवरेज का टेस्ट किया है, उनमें  Cochin Shipyard, Container Corp Of India, IRFC, LIC of India, IRCTC, Bank of India, Punjab National Bank और अन्य शामिल हैं।

इसके अलावा PSU बैंकों ने कोरोना के निचले स्तर से शानदार रैली की है। हालांकि साल की शुरुआत से रफ्तार कमजोर पड़ती दिखाई दे रही है और अब निजी बैंकों ने सरकारी बैंकों को पीछे छोड़ना शुरू कर दिया है। PSU यहां सबसे संवेदनशील स्थान है, जो 22 अक्टूबर को अपने 200-दिन के स्तर से नीचे चला गया है।

हालांकि, गोल्डमैन सैक्स का कहना है कि घरेलू प्सपोर्ट बाजार में किसी बड़े प्राइस में करेक्शन को खारिज करते हैं। लेकिन उनका कहना है कि अगले तीन से 6 महीनों में 'टाइम करेक्शन' हो सकता है। इसलिए, हम अपनी एशिया/EM आवंटन में भारतीय शेयरों को ओवरवेट से न्यूट्रल करते हुए कम कर रहे हैं।

Nifty50 इंडेक्स का 200-दिन का मूविंग एवरेज 23354 अंक पर है। आखिरी बार जब इंडेक्स ने अपने 200-DMA का टेस्ट किया था, वह 2024 के आम चुनावों के बाद था और फिर मार्च 2023 में।

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