Gold Rate: आने वाले महीना में गोल्ड की कीमतों में आएगी बंपर तेजी?

बजट में गोल्ड पर कस्टम ड्यूटी कम किए जाने के बाद से देश के ज्वैलरी मार्केट ने रफ्तार पकड़ ली है। इसके असर से दूसरी छमाही में सोने के गहनों की डिमांड में तेज उछाल आने का अनुमान ब्रोकरेज फर्म नुवामा की ताजा रिपोर्ट में जताया गया है।

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By Harsh Verma:

बजट में गोल्ड पर कस्टम ड्यूटी कम किए जाने के बाद से देश के ज्वैलरी मार्केट ने रफ्तार पकड़ ली है। इसके असर से दूसरी छमाही में सोने के गहनों की डिमांड में तेज उछाल आने का अनुमान ब्रोकरेज फर्म नुवामा की ताजा रिपोर्ट में जताया गया है। नुवामा के मुताबि जुलाई-दिसंबर छमाही में गोल्ड ज्वैलरी की डिमांड में 18 परसेंट की बढ़ोतरी हो सकती है। इसको बढ़ाने में त्योहारी सीजन का भी बड़ा रोल होने का अनुमान हैl 

इस रिपोर्ट में एक दिलचस्प बात ये निकलकर सामने आई है कि पहली छमाही यानी जनवरी-जून के दौरान गोल्ड की बिक्री महंगे और सस्ते सोने के बीच बंट गई। दरअसल, जनवरी-मार्च तिमाही में जहां महंगे गहनों की बिक्री हुई थी। वहीं अप्रैल-जून में कम कीमत वाली ज्वैलरी की बिक्री में इजाफा हुआ था।

नुवामा की रिपोर्ट 

नुवामा की रिपोर्ट में कहा गया है कि ज्वैलरी की बिक्री बढ़ाने में कस्बाई और ग्रामीण बाजारों का भी महत्वपूर्ण योगदान है । रिपोर्ट में कहा गया है कि ज्वैलरी की बिक्री में बढ़ोतरी का प्रमुख संकेत सोने का बढ़ता आयात है। आंकड़ों के मुताबिक कस्टम ड्यूटी में भारी कटौती और त्योहारी मांग के चलते अगस्त में सोने का आयात दोगुना होकर 10.06 अरब डॉलर के रिकार्ड स्तर पर पहुंच गया। पिछले साल अगस्त में सोने का आयात 4.93 अरब डॉलर रहा था।

लेकिन अगस्त से पहले के 2024-25 के शुरुआती 4 महीनों में गोल्ड का आयात घट गया था। 2024-25 के बजट में सरकार ने गोल्ड पर कस्टम ड्यूटी को 15 फीसदी से घटाकर 6 परसेंट करने का एलान किया था जिसके असर से अगस्त में सोने का आयात बढ़ा है लेकिन इसके पहले

अप्रैल-जुलाई में गोल्ड इम्पोर्ट

अप्रैल-जुलाई में गोल्ड इम्पोर्ट 4.23 परसेंट घटकर 12.64 अरब डॉलर रह गया था। हालांकि 2023-24 में देश में सोने का कुल आयात 30 फीसदी बढ़कर 45.54 अरब डॉलर रहा था। दुनियाभर में चीन के बाद भारत का सोने की खपत में दूसरा स्थान है। गोल्ड का आयात मुख्य तौर पर ज्वैलरी इंडस्ट्री की मांग को पूरा करने के लिए किया जाता है। भारत सोने का सबसे ज्‍यादा आयात 
स्विट्जरलैंड से करता है, जिसकी हिस्सेदारी करीब 40 फीसदी है, इसके बाद दूसरे नंबर पर 16 परसेंट के साथ संयुक्त अरब अमीरात और साउथ अफ्रीका करीब 10 परसेंट हिस्सेदारी के साथ तीसरे नंबर पर है।

देश के कुल आयात में गोल्ड का हिस्सा 5 फीसदी से ज्‍यादा है जो भारत के बढ़ते TRADE DEFICIT की बड़ी वजह है।

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