SEBI चीफ पर कांग्रेस के नए आरोप, Mahindra & Mahindra, ICICI समेत 6 लिस्टेड कंपनियों का भी नाम लिया

हिंडनबर्ग के आरोपों के बाद से कांग्रेस के निशाने पर SEBI चीफ माधबी पुरी बुच आ गई हैं। कांग्रेस की ओर से लगातार सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) पर नए-नए आरोप लगाए जा रहे हैं। इसी कड़ी में कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने एक बार फिर से प्रेस कॉन्फ्रेंस की है और माधवी पुरी बुच और उनके पति पर 5 बड़े आरोप लगाए गए हैं।

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SEBI चीफ पर कांग्रेस के नए आरोप, Mahindra & Mahindra, ICICI समेत 6 लिस्टेड कंपनिया
SEBI चीफ पर कांग्रेस के नए आरोप, Mahindra & Mahindra, ICICI समेत 6 लिस्टेड कंपनिया

By Harsh Verma:

हिंडनबर्ग के आरोपों के बाद से कांग्रेस के निशाने पर SEBI चीफ माधबी पुरी बुच आ गई हैं। कांग्रेस की ओर से लगातार सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) पर नए-नए आरोप लगाए जा रहे हैं। इसी कड़ी में कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने एक बार फिर से प्रेस कॉन्फ्रेंस की है और माधवी पुरी बुच और उनके पति पर गंभीर आरोप लगाए हैं। आइये जानते हैं कि कांग्रेस की ओर से कौन से 5 बड़े आरोप लगाए गए हैं? 

1) कांग्रेस नेता ने SEBI चीफ पर आरोप लगाते हुए कहा कि SEBI चीफ पर कॉन्फ़्लिक्ट ऑफ़ इंटरेस्ट यानी हितों का टकराव साफ तौर पर दिखता है। पवन खेड़ा ने कहा कि माधबी पुरी बुच ने SEBI चीफ रहते हुए उस कंपनी ने कमाई की, जिसका नाम हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में है। कांग्रेस नेता ने प्रेस कॉन्फ्रेस में कहा कि माधबी पुरी ने अगोरा एडवाइजरी प्राइवेट कंपनी (Agora Advisory Pvt Ltd)  से 2 करोड़ 97 लाख रुपये की कमाई की। कांग्रेस की ओर से कहा गया कि अगोरा कंपनी माधुरी पुरी के पति धवल बुच की है। 

हिंडनबर्ग रिपोर्ट में एक कंपनी Agora advisory private limited का नाम सामने आया था, जो कि 7 मई 2013 में रजिस्टर हुई थी।

यह कंपनी माधबी पुरी बुच जी और उनके पति की है, लेकिन माधबी जी ने हिंडनबर्ग रिपोर्ट आने के बाद इस बात का खंडन किया था।

उस खंडन में उन्होंने लिखा कि जब वो… pic.twitter.com/UI4eg0RZxH

— Congress (@INCIndia) September 10, 2024

2) कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने 6 कंपनियों के नाम लिए, जिन्होंने Agora Advisory की सर्विसेस ली है। आपको बता दें कि ये 6 कंपनियां शेयर बाजार में लिस्टेड हैं। इन कंपनियों के नाम M&M, ICICI Bank, Dr Reddy's Laboratories, Pidilite Industries Limited, Sembcorp IndustriesऔरVisu Leasing & Finance Pvt Ltd है। स्टॉक की चाल देखें तो खबर के बा से Mahindra & Mahindra के शेयर में हल्का दवाब देखने को मिल रहा है। Pidilite Industries भी लाल निशान में कारोबार करता दिखा।

3) कांग्रेस का आरोप है कि सेबी चेयरपर्सन के पित धवल बुच को Mahindra & Mahindra Group से से व्यक्तिगत रूप से 4.78 करोड़ रुपए की आय प्राप्त हुई। ये ‘Agora Advisory Private Limited’ के जरिए उसके परामर्श/सलाहकारी सेवाओं के जरिए से अतिरिक्त 2.95 करोड़ रुपए मिले हैं। कांग्रेस का आरोप है कि SEBI के कोड Section 5 के तहत ये नियमों का उल्लंघन है। कांग्रेस की ओर ये भी कहा गया है कि यह उस समय हुआ जब उनकी पत्नी, जो SEBI की पूर्णकालिक सदस्य हैं, महिंद्रा समूह के मामलों का निपटारा कर रही थीं।

Mahindra Group की सफाई

अब ऐसे में Mahindra Group की तरफ से भी सफाई आई है। हम स्पष्ट रूप से बताते हैं कि हमने किसी भी समय SEBI से किसी भी विशेष ट्रीटमेंट की मांग नहीं की है। हम कॉर्पोरेट गवर्नेंस के उच्चतम मानकों को बनाए रखते हैं। SEBI की पांच में से तीन अप्रूवल या आदेश, कंपनी या इसके किसी भी सब्सिडियरी से संबंधित नहीं हैं। एक फास्ट-ट्रैक राइट्स इश्यू था, जिसे SEBI से स्वीकृति की आवश्यकता नहीं थी। एक आदेश मार्च 2018 में जारी किया गया था, जब धवल बुच महिंद्रा ग्रुप के साथ काम करना शुरू भी नहीं हुए थे।

 

4) इससे पहले भी कांग्रेस ने कई बार प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सेबी चीफ पर आरोप लगाया कि उनकी किराये की आय हितों का टकराव थी। कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि बुच को दवा कंपनी वॉकहार्ट से जुड़ी उस सहायक इकाई से किराये से कमाई हासिल हुई थी।

5) कांग्रेस का आरोप है कि माधवी पुरी ने सेबी से जुड़े होने के दौरान ICICI बैंक समेत 3 जगहों से सैलरी ली। उन्होंने दस्तावेज होने का दावा करते हुए कहा कि माधबी पुरी बुच 5 अप्रैल, 2017 से 4 अक्टूबर, 2021 तक SEBI में पूर्णकालिक सदस्य थी, 2 मार्च, 2022 को माधबी पुरी बुच SEBI की चेयरपर्सन बनीं। SEBI में रहते हुए उन्होंने रेगुलर इनकम ICICI बैंक से ले रही थीं, जो करीब 16.80 करोड़ रुपए था। 

मामला कब शुरु हुआ?

सेबी चीफ बुच के लिए मुश्किल तब शुरू हुई है जब अगस्त में अमेरिका की शॉर्ट-सेलर कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च ने उन पर और उनके पति पर आरोप लगाए।रिसर्च कंपनी का आरोप है कि उन्होंने उस विदेशी फंड में निवेश किया था जिसका इस्तेमाल अदानी ग्रुप ने किया था और इस वजह से सेबी अडाणी के खिलाफ खातों की धोखाधड़ी और बाज़ार के हेर-फेर के आरोपों की जांच से हाथ पीछे खींच रहा है।

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