Basant Maheshwari ने X पर क्या कहा, जिससे मच गया बवाल!

दिग्गज निवेशक बसंत महेश्वरी अपनी स्टॉक मार्केट पर अलग और एकदम हटकर राय देने के लिए जाने जाते हैं। बुधवार को एक X पोस्ट में बसंत महेश्वरी ने कुछ ऐसा लिख दिया, जिसके बाद वो वायरल हो गया।

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By Harsh Verma:

दिग्गज निवेशक बसंत महेश्वरी अपनी स्टॉक मार्केट पर अलग और एकदम हटकर राय देने के लिए जाने जाते हैं। बुधवार को एक X पोस्ट में बसंत महेश्वरी ने कुछ ऐसा लिख दिया, जिसके बाद वो वायरल हो गया।

महेश्वरी की पोस्ट उस समय आई है जब घरेलू बेंचमार्क सूचकांक BSE Sensex और NSE Nifty अपने-अपने रिकॉर्ड उच्चतम स्तरों से लगभग 10 प्रतिशत गिर चुके हैं और करेक्शन जोन में एंट्री कर चुके हैं। इस पोस्ट के बाद X यूज़र्स ने कमेंट्स की बाढ़ आ गई, जिनमें से कुछ ने बाजार की गिरावट को 'क्रूर' कहा, जबकि कुछ ने यह भी टिप्पणी की कि लॉन्ग टर्म के लिहाज से बाजार अब आकर्षक हो गया है।

दिग्गज निवेशक ने  X पर पोस्ट किया, बटने का तो पता नहीं …..कट सब रहे है...

 

आज बाजार ने लगातार पांचवे सत्र में गिरावट जारी रखी। 30-शेयर वाला Sensex 984 अंक या 1.25 प्रतिशत गिरकर 77,691 पर बंद हुआ और Nifty इंडेक्स 324 अंक या 1.36 प्रतिशत गिरकर 23,559 पर क्लोज हुआ। आज के क्लोजिंग स्तरों पर Sensex और Nifty अपने हाई से 9.64 प्रतिशत और 10.34 प्रतिशत गिर चुके हैं।

आज Sensex और Nifty क्यों गिरे?
महंगाई के बढ़े आंकड़ों ने अगले महीने RBI के जरिए ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदों को धक्का दिया, जिससे कंपनियों की सुस्त कमाई और विदेशी निवेशकों के निरंतर बाहर जाने के साथ बाजार में और गिरावट आई। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, अक्टूबर में खुदरा महंगाई 14 महीने के उच्चतम स्तर पर पहुँच गई।

Mehta Equities के सीनियर VP (रिसर्च)  प्रशांत तपसे का कहना है कि महंगाई के फिर से तेजी से बढ़ने और RBI के आरामदायक स्तर को पार करने के साथ, केंद्रीय बैंक के जरिए निकट भविष्य में किसी भी प्रमुख ब्याज दर कटौती की उम्मीदें समाप्त हो गईं, जिससे बाजार में घबराहट फैल गई। इसके अलावा घरेलू शेयरों में विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) की लगातार बिकवाली, साथ ही अमेरिकी बॉन्ड यील्ड्स में वृद्धि और खराब कॉर्पोरेट कमाई के आंकड़े ने विदेशी निवेशकों को चीन जैसे सस्ते बाजारों में निवेश करने के लिए प्रेरित किया है। 

Geojit Financial Services के हेड ऑफ रिसर्च विनोद नायर का कहना है कि  स्मॉल- और मिड-कैप स्टॉक्स में गिरावट अधिक गंभीर थी। मिड और स्मॉल-कैप स्टॉक्स सबसे ज्यादा प्रभावित हुए, जबकि फाइनेंशियल्स और ऑटो सेक्टर में भी महत्वपूर्ण कमजोरी दिखाई दी। यह ट्रेंड सभी उभरते हुए बाजारों में देखा जा रहा है, क्योंकि बाजार भविष्य में अमेरिका की नीतियों, जिसमें व्यापार से जुड़ी समस्याएँ और वैश्विक अर्थव्यवस्था पर असर, को लेकर चिंतित हैं, जो अमेरिकी डॉलर की मजबूती और बढ़ते यील्ड्स में दिख रहा है।

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