अगर बीमा कंपनियों ने ग्राहकों को GST छूट का लाभ नहीं दिया तो…वित्त मंत्री ने कह दी ये बड़ी बात
महत्वपूर्ण सवाल यह है कि क्या वास्तव में इस छूट का फायदा आम लोगों को मिलेगा या नहीं? यह सवाल इसलिए क्योंकि कई लोग यह आशंका जता रहे हैं कि बीमा कंपनियां इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) का बोझ ग्राहकों पर डाल सकती हैं।

GST on Insurance: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आजतक को दिए इंटरव्यू में कहा कि जीएसटी में किया गया यह नया सुधार दिवाली और छठ से पहले बिहार और देशवासियों के लिए दोहरी सौगात है। उन्होंने हेल्थ और टर्म इंश्योरेंस से जुड़े कई बिंदुओं को भी स्पष्ट किया। पहले इंश्योरेंस प्रीमियम पर 18% जीएसटी लिया जाता था, लेकिन नए बदलावों के तहत अब इसे पूरी तरह टैक्स से मुक्त कर दिया गया है।
हालांकि महत्वपूर्ण सवाल यह है कि क्या वास्तव में इस छूट का फायदा आम लोगों को मिलेगा या नहीं? यह सवाल इसलिए क्योंकि कई लोग यह आशंका जता रहे हैं कि बीमा कंपनियां इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) का बोझ ग्राहकों पर डाल सकती हैं।
क्या लोगों को मिलेगा इंश्योरेंस प्रीमियम पर छूट का लाभ?
जब यह सवाल उठा कि क्या आम लोगों को इस छूट का लाभ वास्तव में मिलेगा, तो वित्त मंत्री ने साफ कहा कि यह निर्णय बीमा कंपनियों और इंडस्ट्री से बातचीत के बाद ही लिया गया है और यह सुनिश्चित किया गया है कि इसका फायदा सीधे उपभोक्ताओं तक पहुंचे।
यदि कोई बीमा कंपनी इस टैक्स कटौती का लाभ ग्राहकों को नहीं देती, और इस बारे में शिकायत मिलती है, तो सरकार उस कंपनी पर सख्त कार्रवाई करेगी।
अब इंश्योरेंस पर टैक्स नहीं
बुधवार को वित्त मंत्री ने बड़ा ऐलान करते हुए बताया कि अब हेल्थ और टर्म इंश्योरेंस प्रीमियम को 18% टैक्स स्लैब से हटाकर '0%' स्लैब में डाल दिया गया है। यह नया नियम 22 सितंबर से लागू होगा। पहले आशंका थी कि इसका लाभ आम लोगों तक नहीं पहुंचेगा, लेकिन अब सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि कंपनियों को उपभोक्ताओं तक यह राहत पहुंचानी ही होगी।
रोजमर्रा के सामान पर भी राहत
सीतारमण ने यह भी बताया कि दैनिक जरूरतों की चीजों और किसानों से जुड़े उत्पादों पर टैक्स घटाया गया है, जिससे आम जनता को महंगाई से राहत मिलेगी। उन्होंने कहा कि सरकार ने ऐसी वस्तुओं को प्राथमिकता दी है, जो हर घर में रोजाना इस्तेमाल होती हैं।
जीएसटी में बड़ा बदलाव और राजस्व असर
सरकार ने जीएसटी प्रणाली में एक और बड़ा बदलाव करते हुए चार टैक्स स्लैब (5%, 12%, 18%, 28%) को घटाकर अब केवल दो स्लैब (5% और 18%) कर दिया है। यह नियम भी 22 सितंबर से लागू होगा। इस परिवर्तन से सरकार के राजस्व में लगभग ₹48,000 करोड़ की कमी आने का अनुमान है, लेकिन सरकार का उद्देश्य व्यवस्था को सरल और जनता के लिए फायदेमंद बनाना है।