म्युचुअल फंड्स में एक्सपेंस रेश्यों क्या होता है? आसान भाषा में समझिए?

अक्सर हमें म्यूचुअल फंड्स में एक्सपेंस रेश्यों (Expense Ratios) सुनने को मिलता है लेकिन क्या आपको पता है कि ये एक्सपेंस रेश्यों क्या होता है? आप म्युचुअल फंड्स में निवेश तो करते हैं लेकिन इसके बारे में क्या आपको पता है कि ये क्या होता है?

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By Ankur Tyagi:

म्युचुअल फंड्स में एक्सपेंस रेश्यों क्या होता है? आसान भाषा में समझिए?


अक्सर हमें म्यूचुअल फंड्स में एक्सपेंस रेश्यों (Expense Ratios) सुनने को मिलता है लेकिन क्या आपको पता है कि ये एक्सपेंस रेश्यों क्या होता है? आप म्युचुअल फंड्स में निवेश तो करते हैं लेकिन इसके बारे में क्या आपको पता है कि ये क्या होता है?

दरअसल एक्सपेंस रेश्यों का अर्थ होता है वह शुल्क जो एक म्यूचुअल फंड कंपनी उन खर्चों के रूप में वसूलती है जो वह फंड के निवेशकों के नाम पर करती है। इन खर्चों में फंड मैनेजर का वेतन, ब्रोकर कमीशन और एडवरटाइजमेंट के खर्चे शामिल होते हैं। 

एक्सपेंस रेश्यों को फंड के संपूर्ण एक्सपेंस बेसिस पर प्रदर्शित किया जाता है और इसे फंड के नेट एसेट वैल्यू के प्रतिशत के रूप में व्यक्त किया जाता है। एक्सपेंस रेश्यों को एक साल में निवेशकों के कुल फंड्स में भी माइनस कर दिया जाता है। अगर आप म्युचुअल फंड में निवेश करते हैं तो ये पैसा आपको ही चुकाना होगा 
और ये पैसा आपके फंड्स से ही निकाला जाएगा। एक्सपेंस रेश्यों से ये पता चलता है कि आपका म्युचुअल फंड्स कितना महंगा है या फिर कितना सस्ता है।

क्या होता है स्टैंडर्ड डेविएशन?

म्युचुअल फंड्स में स्टैंडर्ड डेविएशन भी एक महत्वपूर्ण आकंड़ा होता है, जो निवेशकों के लिए निवेश की संभावना या जोखिम को दर्शाता है। यह एक मापक होता है जो दिखाता है कि कोई भी फंड मैनेजर आपको पैसो को मैनेज करने के लिए कितना जोखिम ले सकता है या ले रहा है। 

एक म्यूचुअल फंड के स्टैंडर्ड डेविएशन का उपयोग इसके जोखिम को मापने के लिए किया जाता है। एक फंड जिसका स्टैंडर्ड डेविएशन कम होता है, उसे अनुमानित रूप से कम जोखिम वाली माना जाता है, जबकि जिसका स्टैंडर्ड डेविएशन अधिक होता है, उसे अनुमानित रूप से ज्यादा जोखिम वाली माना जाता है।

यह एक महत्वपूर्ण आंकड़ा होता है जो निवेशकों को म्यूचुअल फंड्स के विभिन्न विकल्पों को तुलना करने में मदद करता है। जिन फंड्स का स्टैंडर्ड डेविएशिन ज्यादा होता है वो ज्यादा जोखिम लेते हैं। इससे आप कम जोखिम या अधिक जोखिम वाले फंड्स का चुनाव कर सकते हैं।

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