अगर पॉलिसीधारक की मृत्यु के बाद नॉमिनी का भी निधन हो जाए तो इंश्योरेंस क्लेम का पैसा किसे मिलेगा?

हालांकि यह स्थिति आम नहीं है, लेकिन हो सकती है और इसके लिए सभी बीमा कंपनियों के पास प्रक्रिया तय होती है। चलिए आसान भाषा में समझते हैं कि इस स्थिति में क्या होता है।

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By Gaurav Kumar:

आज के समय में हर व्यक्ति के लिए इंश्योरेंस एक जरूरी सुरक्षा कवच बन चुका है। खासकर जीवन बीमा (Life Insurance), जो पॉलिसीधारक की मृत्यु के बाद उसके परिवार को आर्थिक मदद देने का एक अहम जरिया होता है। 

लेकिन एक अहम सवाल अक्सर सामने आता है कि अगर पॉलिसीधारक की मृत्यु के बाद उसके द्वारा बनाए गए नॉमिनी की भी मृत्यु हो जाए तो फिर ऐसी स्थिति में क्लेम की राशि किसे मिलेगी?

हालांकि यह स्थिति आम नहीं है, लेकिन हो सकती है और इसके लिए सभी बीमा कंपनियों के पास प्रक्रिया तय होती है। चलिए आसान भाषा में समझते हैं कि इस स्थिति में क्या होता है।

नॉमिनी कौन होता है?

बीमा पॉलिसी लेते समय पॉलिसीधारक किसी एक व्यक्ति को नॉमिनी बनाता है। यह वह व्यक्ति होता है जिसे बीमा राशि दी जाएगी अगर पॉलिसीधारक की मृत्यु हो जाती है तो। यह आमतौर पर जीवनसाथी, बच्चे या माता-पिता हो सकते हैं।

अगर नॉमिनी की भी मृत्यु हो जाए तो फिर क्या?

अगर पॉलिसीधारक की मृत्यु के बाद उसके नॉमिनी की भी मृत्यु हो जाए तो बीमा कंपनी उस बीमा राशि को कानूनी उत्तराधिकारियों (Legal Heirs) को देती है।

कानूनी उत्तराधिकारी कौन होते हैं?

ये वे लोग होते हैं जिन्हें कानून के अनुसार उस व्यक्ति की संपत्ति में अधिकार होता है। इनमें आमतौर पर जीवनसाथी (पति/पत्नी), बच्चे, माता-पिता आदि शामिल होते हैं।

उत्तराधिकारी को बीमा क्लेम पाने के लिए क्या करना होता है?

ऐसी स्थिति में बीमा कंपनी ‘सक्सेशन सर्टिफिकेट (Succession Certificate)’ या ‘विल (Will)’ मांग सकती है, जिससे यह साबित किया जा सके कि क्लेम के लिए आवेदन करने वाला व्यक्ति असली उत्तराधिकारी है।

उन्हें यह दस्तावेज जमा करने होंगे:

  • मृत्यु प्रमाण पत्र (Death Certificate)
  • पहचान पत्र (ID Proof)
  • पॉलिसी डॉक्युमेंट्स
  • उत्तराधिकारी प्रमाण पत्र या सक्सेशन सर्टिफिकेट

क्या पॉलिसी में नॉमिनी को बदला जा सकता है?

हां, पॉलिसीधारक चाहे तो जीवनकाल में किसी भी समय नॉमिनी बदल सकता है। यह प्रक्रिया बहुत सरल है और बीमा कंपनी को एक फॉर्म भरकर जानकारी दी जाती है। एक्सपर्ट्स हमेशा सलाह देते हैं कि अगर नॉमिनी की मृत्यु हो जाए या कोई पारिवारिक बदलाव हो, तो पॉलिसी में तुरंत नॉमिनी अपडेट करें।

अगर नॉमिनी की मृत्यु हो चुकी हो और पॉलिसीधारक की भी मृत्यु हो जाती है, तो बीमा की रकम कानूनी उत्तराधिकारियों को मिलती है लेकिन उसके लिए सही दस्तावेज और कानूनी प्रमाण देना जरूरी होता है। इसलिए बीमा पॉलिसी लेते समय नॉमिनी की जानकारी हमेशा अप-टू-डेट रखें, ताकि आपके जाने के बाद आपके परिवार को किसी तरह की परेशानी न हो।
 

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