सरकार ने बताया अब PPF, सुकन्या समृद्धि, SCSS सहित अन्य स्माल सेविंग स्कीम्स में कितना मिलेगा ब्याज - Details
वित्त मंत्रालय ने मंगलवार, 30 सितंबर 2025 को एक नोटिफिकेशन जारी कर इसकी जानकारी दी है। चलिए डिटेल में जानते हैं।

Small Saving Schemes Interest Rate: भारत सरकार ने अक्टूबर-दिसंबर 2025 तिमाही के लिए स्माल सेविंग स्कीम्स (Small Savings Schemes) पर ब्याज दरों का ऐलान कर दिया है। इस बार भी ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया है। इसका मतलब जो ब्याज दर पहले से मिल रहा था वही अब अक्टूबर-दिसंबर 2025 तिमाही में भी मिलेगा।
वित्त मंत्रालय ने मंगलवार, 30 सितंबर 2025 को एक नोटिफिकेशन जारी किया है जिसमें बताया गया है कि सभी लघु बचत योजनाओं की ब्याज दरें जुलाई से सितंबर 2025 की तिमाही के समान ही बनी रहेंगी। इनमें पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF), वरिष्ठ नागरिक बचत योजना (SCSS), सुकन्या समृद्धि योजना, नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट (NSC), कुल जमा योजना (KVP) और डाकघर की अन्य बचत योजनाएं शामिल हैं।
किस योजना पर कितना ब्याज?
- PPF: 7.1%
- SCSS: 8.2%
- सुकन्या समृद्धि योजना : 8.2%
- एनएससी: 7.7%
- किसान विकास पत्र: 7.5%
- डाकघर MIS: 7.4%
- 1-वर्षीय सावधि जमा: 6.9%
- 2-वर्षीय एफडी: 7.0%
- 3-वर्षीय एफडी: 7.1%
- 5-वर्षीय एफडी: 7.5%
- 5-वर्षीय आवर्ती जमा: 6.7%
क्या है स्मॉल सेविंग स्कीम?
स्मॉल सेविंग स्कीम्स वो सरकारी योजनाएं हैं जिनका मकसद आम लोगों, खासकर जो ज्यादा रिस्क नहीं लेना चाहते और ग्रामीण परिवारों को बचत करने की आदत डालना है। ये योजनाएं कम रिस्क वाली होती हैं, सरकार की गारंटी के साथ आती हैं और अच्छी और फिक्स रिटर्न देती हैं। इन्हें ज्यादातर पोस्ट ऑफिस और कुछ खास बैंक के जरिए लिया जाता है।
सबसे लोकप्रिय स्कीम्स में पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) है, जो लंबे समय के लिए टैक्स फ्री बचत का बेहतरीन तरीका है। फिर है सीनियर सिटिजन्स सेविंग्स स्कीम (SCSS), जो सालाना अच्छी इनकम देती है। साथ ही सुकन्या समृद्धि योजना (SSY) भी है, जो बेटियों के भविष्य के लिए खास है। इसके अलावा नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट (NSC) और किसान विकास पत्र (KVP) भी अहम योजनाएं हैं।
इन योजनाओं की ब्याज दरें हर तीन महीने में वित्त मंत्रालय द्वारा चेक की जाती हैं और आमतौर पर बैंक की फिक्स्ड डिपॉजिट्स से ज्यादा होती हैं। इसलिए ये स्कीम्स न सिर्फ सुरक्षित बचत का जरिया हैं, बल्कि टैक्स बचाने के लिए भी बहुत काम आती हैं।