खुशखबरी! SBI ने घटाया ब्याज दर - जानिए कितनी कम होगी आपकी EMI? पूरी डिटेल यहां

बैंक के आधिकारिक वेबसाइट से मिली जानकारी के मुताबिक बैंक ने External Benchmark Lending Rate (EBLR) और Repo Linked Lending Rate (RLLR) में 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती की है।

Advertisement

By Gaurav Kumar:

SBI Interest Rate Cut: अगर आप स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) के ग्राहक हैं और आपने कोई बैंक से लोन लिया हुआ था तो आपके लिए खुशखबरी है। दरअसल हाल ही में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने रेपो रेट में 25 बेसिस प्वाइंट यानी की 0.25% की कटौती की थी। 

इसके बाद अब देश का सबसे बड़ा सरकारी बैंक एसबीआई ने भी ब्याज दरों में कटौती की है। बैंक के आधिकारिक वेबसाइट से मिली जानकारी के मुताबिक बैंक ने External Benchmark Lending Rate (EBLR) और Repo Linked Lending Rate (RLLR) में 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती की है। 

एसबीआई द्वारा ब्याज दरों में की गई कटौती आज यानी 15 अप्रैल से लागू भी हो गई है। बैंक ने EBLR रेट को 8.90% से घटाकर 8.65% कर दिया है। वहीं RLLR रेट को 8.50% से घटार 8.25% कर दिया है। 

कितनी कम होगी आपकी EMI?

एसबीआई द्वारा ब्याज दर घटाने का बाद से लोन लेने वाले ग्राहकों को राहत मिलेगी। अब मान लीजिए आपने 15 साल के लिए 70,00,000 (70 लाख) रुपये का लोन लिया है। पहले EBLR 8.90% ब्याज दर लागू होने पर, आपकी मासिक EMI 70,583 रुपये आती थी। हालांकि, अब EBLR के 8.65% पर आ जाने से, आपकी लोन EMI मामूली रूप से घटकर 69,549 रुपये रह जाएगी।

मान लीजिए किसी ने 10 साल के लिए 8.50% की RLLR के साथ 50,00,000 (50 लाख) रुपये का लोन लिया है, तो उसकी EMI 61,993 रुपये होगी। लेकिन अब, RLLR 8.25% पर आने के बाद, वही EMI अब 61,326 रुपये होगी।

 MCLR में कोई बदलाव नहीं?

एसबीआई ने MCLR (Marginal Cost of Funds Based Lending) दर में कोई बदलाव नहीं किया है। SBI का एक साल का MCLR 9% है, जबकि इसका तीन साल का MCLR 9.10% है।

किस प्रकार के लोन को EBLR  से लिंक किया जाता है?

EBLR (External Benchmark Lending Rate) मुख्य रूप से फ्लोटिंग रेट वाले लोन में लगता है, जैसे कि होम लोन, पर्सनल लोन, कार लोन और SME लोन। ELBR उन लोन पर लागू होता है जहां ब्याज दरें रेपो रेट जैसे बाहरी बेंचमार्क से जुड़ी होती हैं। 

किस प्रकार के लोन को RLLR  से लिंक किया जाता है?

RLLR (Repo Linked Lending Rate) मुख्य रूप से होम लोन और ऑटो लोन जैसी लोन में लगाया जाता है। RLLR रेपो रेट से जुड़ा होता है, जब-जब रेपो रेट घटे या बढ़ेगा तब-तब ब्याज दरें बदलेंगी। 

Read more!
Advertisement