SBI की 'हर घर लखपति स्कीम' हो रही पॉपुलर, कम निवेश में भी मिलता धांसू रिटर्न
आज के समय में हर कोई लखपति बनना चाहता है। इस सपने को साकार करने के लिए भारतीय स्टेट बैंक ने 'हर घर लखपति स्कीम' शुरू की है। आर्टिकल में इस स्कीम के बारे में विस्तार से जानते हैं।

SBI Har Ghar Lakhpati Scheme: आज के समय में हर कोई लखपति होने का सपना देखते हैं। इस सपने को साकार करने के लिए भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने स्पेशल रिकरिंग डिपॉजिट स्कीम (RD Sceheme) चला रहा है। इस स्कीम का नाम 'हर घर लखपति' (Har Ghar Lakhpati Scheme) है। इस स्कीम में गारंटी रिटर्न के साथ हाई इंटरेस्ट रेट ऑफर होता है।
इस स्कीम में सामान्य नागरिकों को 6.75 फीसदी का ब्याजा मिलता है। वहीं सीनियर सिटिजन को 7.25 फीसदी का शानदार रिटर्न ऑफर होता है। आइए, इस स्कीम के बारे में जानते हैं।
क्या होती है रिकरिंग डिपॉजिट?
रिकरिंग डिपॉजिट एक तरह की सेविंग स्कीम होती है। इसमें निवेशक हर महीने फिक्सड अमाउंट का निवेश करता है और मैच्योरिटी के बाद उसे निवेश राशि के साथ ब्याच का पैसा भी मिलता है। इस स्कीम में मैच्योरिटी का टेन्योर 3 से 10 साल का होता है। निवेशक के पास इन्वेस्टमेंट टेन्योर सेलेक्ट करने का ऑप्शन होता है।
कितना मिलता है ब्याज? (Har Ghar Lakhpati Scheme Interest Rate)
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की वेबसाइट के अनुसार-
कितना कर सकते हैं निवेश? (Har Ghar Lakhpati Scheme Minimum Investment Amount)
भारतीय स्टेट बैंक के ऑफिशियल वेबसाइट के अनुसार-
क्या है निवेश की शर्तें? (Har Ghar Lakhpati Scheme Rules)
(1) इस स्कीम में भारतीय नागरिक ही निवेश करते हैं।
(2) स्कीम में ज्वाइंट और सिंगल अकाउंट ओपन किया जा सकता है। यहां तक कि बच्चे के साथ भी अकाउंट ओपन किया जा सकता है।
(3) स्कीम में सामान्य नागरिक को 40 हजार रुपये और सीनियर सिटिजन को 50 हजार रुपये तक के अमाउंट पर टैक्स नहीं देना होता है। हालांकि, निवेशक फॉर्म 15H-15G भरकर टैक्स सेविंग कर सकता है।
कैसे करें आवेदन
एसबीआई के डिजिटल ऐप योनो (YONO) या फिर बैंक में जाकर एसबीआई के स्पेशल आरडी स्कीम के लिए अकाउंट ओपन करवा सकते हैं।
इन बातों का रखें ध्यान
आपको बता दें कि स्कीम में प्री-मैच्योरिटी का ऑप्शन है। हालांकि, प्री-मैच्योरिटी को सेलेक्ट करने पर निवेशक को पेनल्टी का भुगतान करना पड़ सकता है। इसके अलावा निवेशक को इस स्कीम में निवेश से पहले इन्वेस्टमेंट अमाउंट और इंटरेस्ट को कैलकुलेट करना चाहिए। अगर निवेशक को किसी भी तरह का कन्फ्यूजन होता है तो वह बैंक या फिर अपने वित्तीय सलाहकार से संपर्क कर सकते हैं।