अप्रैल में होने जा रहे Increment का पता चल गया, जानिए इस बार कितनी बढ़ेगी सैलरी?
अप्रैल से शुरु होने वाले नए कारोबारी साल में सैलरी इंक्रीमेंट की शुरुआत हो जाएगी। निजी कंपनियों में काम करने वाले कर्मचारियों को सालभर की मेहनत का फल अप्रैल में होने वाले इंक्रीमेंट मिलता है लिहाजा हर किसी को जमकर काम करने के बाद सबसे ज्यादा इंतजार अप्रैजल का ही रहता है।

अप्रैल से शुरु होने वाले नए कारोबारी साल में सैलरी इंक्रीमेंट की शुरुआत हो जाएगी। निजी कंपनियों में काम करने वाले कर्मचारियों को सालभर की मेहनत का फल अप्रैल में होने वाले इंक्रीमेंट मिलता है लिहाजा हर किसी को जमकर काम करने के बाद सबसे ज्यादा इंतजार अप्रैजल का ही रहता है।
हाल ही में आई एक रिपोर्ट में आशंका जाहिर की गई थी कि इस साल पिछली बार के मुकाबले कम सैलरी इंक्रीमेंट का अनुमान है। लेकिन अब नए फाइनेंशियल इयर में वेतन बढ़ोतरी को लेकर आई एचआर कंसलटेंसी कंपनी मर्सर की रिपोर्ट ने लोगों की मायूसी को दूर करने का काम किया है। इस रिपोर्ट में दावा किया गया है किअलग-अलग उद्योगों में काम करने वाले भारतीय कर्मचारियों को इस साल औसतन 9.4 फीसदी वेतन बढ़ोतरी मिल सकती है। ये आकड़ा मजबूत आर्थिक ग्रोथ और स्किल्ड टैलेंट की बढ़ती डिमांड का संकेत है।
मर्सर के Total Remuneration Survey के मुताबिक, बीते पांच साल के दौरान कर्मचारियों के वेतन में लगातार इजाफा हुआ है। इसमें कहा गया है कि 2020 में जहां औसत सैलरी इंक्रीमेंट 8 फीसदी था। वहीं 2025 में ये साढ़े 9 परसेंट के करीब रह सकता है।
सर्वे में भारत के जिन प्रमुख सेक्टर्स के टॉप मैनेजमेंट से बात की गई है उनमें शामिल हैं
-टेक्नोलॉजी
-कंज्यूमर गुड्स
-फाइनेंशियल सर्विसेज
-मैन्युफैक्चरिंग
-ऑटोमोबाइल्स
- इंजीनियरिंग
कुल मिलाकर इन सभी सेक्टर्स की 1,550 से ज्यादा कंपनियों ने सर्वे में हिस्सा लिया है। इस आधार पर जिन सेक्टर्स में सबसे ज्यादा तनख्वाह बढ़ने का अनुमान जाहिर किया है उनमें पहले नंबर पर ऑटोमोबाइल्स सेक्टर है जहां कर्मचारियों के वेतन में 10 परसेंट तक बढ़ोतरी का अनुमान है जो पिछले साल के 8.8 फीसदी से ज्यादा है। ये तेजी इलेक्ट्रिक वाहनों की ग्रोथ और सरकार के ‘मेक इन इंडिया’ मिशन की वजह से संभव हो पाई है। इसके अलावा मैन्युफैक्चरिंग और इंजीनियरिंग सेक्टर में सैलरी ग्रोथ आठ से बढ़कर 9.7 परसेंट होने का अनुमान है, जो मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर के हालात में सुधार का संकेत है।
इसके अलावा हायरिंग के मोर्चे पर भी सर्वे में खुशखबरी निकलकर सामने आई है। इसके मुताबिक 2025 में 37 फीसदी कंपनियां कर्मचारियों की संख्या बढ़ाने की योजना बना रही हैं। ये भारत में अलग अलग सेक्टर्स में में टैलेट की बढ़ती मांग की तरफ इशारा कर रहा है। वहीं नौकरी छोड़ने की दर 11.9 फीसदी पर स्थिर रहने का अनुमान है। नौकरी छोड़ने की दर एग्री और केमिकल सेक्टर में 13.6 फीसदी और शेयर्ड सर्विसेज ऑर्गेनाइजेशन में 13 फीसदी के उच्चतम स्तर पर पहुंच सकती है।
मर्सर के मुताबिक भारत के टैलेंट आउटलुक में तेजी से बदलाव हो रहा है। वेतन में उछाल भी वर्क फोर्स को नया आकार दे रहे हैं। इसके अलावा 75 परसेंट से ज्यादा कंपनियों ने परफॉरमेंस -आधारित वेतन योजनाओं को अपनाया है। शॉर्ट टर्म और लॉन्ग टर्म दोनों में प्रदर्शन को महत्व देना बड़े स्तर के बदलाव की निशानी है। ऐसे में जो कंपनियां इस तरह के ट्रेंड को प्राथमिकता देंगी, वो कंपीटशन के बीच टैलेंट को आकर्षित करने और उन्हें बनाए रखने में बाजी मार सकती हैं।