PGIM इंडिया म्यूचुअल फंड ने लॉन्च किया हेल्थकेयर फंड, क्या है इस एनएफओ की खासियत
PGIM इंडिया म्यूचुअल फंड ने आज अपना न्यू फंड ऑफर (New Fund Offer) पीजीआईएम इंडिया हेल्थकेयर फंड (PGIM India Healthcare Fund) लॉन्च किया है। यह हेल्थकेयर और फार्मास्युटिकल कंपनियों की इक्विटी और इक्विटी से संबंधित सिक्योरिटीज में निवेश करने वाली एक ओपन एंडेड इक्विटी स्कीम है। इस फंड के लिए बेंचमार्क बीएसई हेल्थकेयर टीआरआई है।

PGIM इंडिया म्यूचुअल फंड ने आज अपना न्यू फंड ऑफर (New Fund Offer) पीजीआईएम इंडिया हेल्थकेयर फंड (PGIM India Healthcare Fund) लॉन्च किया है। यह हेल्थकेयर और फार्मास्युटिकल कंपनियों की इक्विटी और इक्विटी से संबंधित सिक्योरिटीज में निवेश करने वाली एक ओपन एंडेड इक्विटी स्कीम है। इस फंड के लिए बेंचमार्क बीएसई हेल्थकेयर टीआरआई है।
न्यू फंड ऑफर (NFO) 19 नवंबर, 2024 को पब्लिक सब्सक्रिप्शन के लिए खुल रहा है और इसमें 3 दिसंबर, 2024 तक निवेश किया जा सकता है। यह स्कीम 11 दिसंबर, 2024 को निरंतर बिक्री और पुनर्खरीद के लिए फिर से खुलेगी।
पीजीआईएम इंडिया एसेट मैनेजमेंट के सीईओ अजीत मेनन का कहना है कि पीजीआईएम इंडिया हेल्थकेयर फंड निवेशकों को भारत के तेजी से बढ़ रहे हेल्थकेयर सेक्टर में निवेश कर मुनाफा कमाने का एक आकर्षक अवसर प्रदान करता है। कम लागत, इनोवेशन, हेल्थ इंश्योरेंस के लिए बढ़ती जागरूकता, बढ़ते एफडीआई इन्फ्लो और लगातार बढ़ रहे मेडिकल टूरिज्म और अन्य कई फैक्टर के चलते निवेशकों को इस फंड में निवेश करने का लाभ मिलेगा। उनका मानना है कि कोई भी व्यक्ति अपने स्वास्थ्य में सबसे अच्छा निवेश कर सकता है। अगला सबसे अच्छा निवेश हेल्थ/हेल्थ इंश्योरेंस के साथ खुद को और अपने परिवार को सुरक्षित रखना और एक ऐसे सेक्टर के रूप में हेल्थकेयर में निवेश करना है जो एक स्ट्रक्चरल थीम (संरचनात्मक विषय) है।
पीजीआईएम इंडिया एसेट मैनेजमेंट के सीआईओ, विनय पहाड़िया का कहना है कि हम उम्मीद करते हैं कि हेल्थकेयर सेक्टर को भारत की ग्रोथ स्टोरी का आगे बहुत ज्यादा लाभ मिलेगा। इस सेक्टर में स्थिर और बढ़ती घरेलू मांग, मजबूत प्राइसिंग पावर (मूल्य निर्धारण शक्ति), भारत के प्रतिस्पर्धी लाभ के चलते बेहतर निर्यात क्षमता और ग्लोबल फार्मा द्वारा अपनाई जा रही चाइना +1 रणनीति जैसी कई फेवरेबल परिस्थितियां देखने को मिल सकती हैं।''
यह स्कीम फार्मास्युटिकल और हेल्थकेयर कंपनियों के शेयरों में कम से कम 80 फीसदी, अन्य इक्विटी, डेट और मनी मार्केट में 20 फीसदी तक, आरईआईटी और इनविट्स में 10 फीसदी तक और ओवरसीज ईटीएफ सहित फॉरेन सिक्योरिटीज में 20 फीसदी तक निवेश करेगी।
यह फंड हेल्थकेयर इंडस्ट्रीज के भीतर हेल्थकेयर सर्विसेज और हेल्थकेयर मैन्युफैक्चरिंग सहित अलग अलग क्षेत्रों में निवेश करने पर विचार कर सकता है। हेल्थकेयर सर्विसेज में फार्मेसी, डायग्नोस्टिक्स, अस्पताल और हेल्थ इंश्योरेंस शामिल हैं। हेल्थकेयर मैन्युफैक्चरिंग में CRAMS (कांट्रैक्ट रिसर्च और मैन्युफैक्चरिंग सर्विसेज), मेडिकल डिवाइसेज, स्पेशिएलिटी केमिकल्स, फॉर्मूलेशन और एपीआई (एक्टिव फार्मास्युटिकल इनग्रेडिएंट) शामिल हैं।
पीजीआईएम इंडिया एसेट मैनेजमेंट के सीनियर फंड मैनेजर - इक्विटीज, आनंद पद्मनाभन अंजेनेयन का कहना है कि कीमत में बदलाव से डिमांड पर कुछ खास असर नहीं होता है। जिसके चलते प्राइसिंग पावर बेहतर होती है, खासकर महंगाई के माहौल में। यह एक निवेशक को लंबी अवधि में अपनी पूंजी बढ़ाने का अवसर प्रदान करता है।
पोर्टफोलियो का निर्माण टॉप-डाउन और बॉटम-अप पोर्टफोलियो निर्माण प्रक्रिया के संयोजन का उपयोग करके किया जाएगा, जिसमें मैनेजमेंट की क्वालिटी सहित हर स्टॉक के फंडामेंटल पर फोकस किया जाएगा।