ईपीएफ कर्मचारी हो जाएं सावधान! पीएफ के काम के लिए एजेंट या थर्ड पार्टी से ना लें मदद - EPFO ने किया आगाह

EPFO ने आगाह किया कि कई साइबर कैफे संचालक और फिनटेक कंपनियां फ्री सर्विस के लिए ईपीएफ सदस्यों से मोटी फीस वसूल रही हैं, जिससे उनके निजी और वित्तीय डेटा को खतरा हो सकता है।

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By Gaurav Kumar:

PF News: कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने अपने 7 करोड़ से अधिक सदस्यों को चेतावनी दी है कि वे पीएफ खाता संबंधित सेवाओं के लिए किसी भी थर्ड-पार्टी एजेंट या कंपनी की सहायता न लें। ईपीएफओ ने स्पष्ट किया कि KYC अपडेट, क्लेम फाइल करना और फंड निकासी जैसी सेवाएं EPFO पोर्टल और UMANG ऐप पर मुफ्त उपलब्ध हैं। EPFO ने अपने बयान में कहा कि ये थर्ड पार्टी संस्थाएं EPFO द्वारा अधिकृत नहीं हैं।

EPFO ने हाल ही में अपने प्रक्रियाओं को सरल और डिजिटल रूप से सुगम बनाने के लिए कई सुधार किए हैं। जनवरी 2025 से ट्रांसफर क्लेम के लिए अधिकांश मामलों में नियोक्ता की मंजूरी की आवश्यकता हटा दी गई है। वहीं, ऑनलाइन दावों के निपटान को तेज करने के लिए चेक लीफ या बैंक पासबुक की स्कैन कॉपी अपलोड करने की जरूरत को भी समाप्त कर दिया गया है।

अप्रैल 2025 से UAN के साथ बैंक खाते को जोड़ने के लिए भी नियोक्ता की मंजूरी अब जरूरी नहीं रह गई है। EPFO ने कहा कि हम सभी सदस्यों, नियोक्ताओं और पेंशनर्स को आग्रह करते हैं कि वे EPFO पोर्टल और UMANG ऐप पर उपलब्ध ऑनलाइन सेवाओं का लाभ लें।

बीते वित्त वर्ष 2024-25 में EPFO ने ऑटो क्लेम सेटलमेंट की सीमा बढ़ाकर ₹1 लाख कर दी है, जिससे बीमारी, आवास, विवाह और शिक्षा से संबंधित 2.34 करोड़ दावे स्वचालित रूप से निपटाए गए हैं। यह बदलाव सर्विस ट्रांसपेरेंसी और सदस्य सुविधा की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।

EPFO ने अपनी कंप्लेंट रिजॉल्यूशन सिस्टम को भी मजबूत किया है। वित्त वर्ष 2024-25 में EPFiGMS पोर्टल पर 16 लाख से अधिक और CPGRAMS पर 1.7 लाख से ज्यादा शिकायतें प्राप्त हुईं, जिनमें से 98% समयसीमा के भीतर हल की गई हैं।

EPFO ने आगाह किया कि कई साइबर कैफे संचालक और फिनटेक कंपनियां फ्री सर्विस के लिए ईपीएफ सदस्यों से मोटी फीस वसूल रही हैं, जिससे उनके निजी और वित्तीय डेटा को खतरा हो सकता है। EPFO ने कहा कि सदस्यों को किसी भी थर्ड-पार्टी एजेंट से सेवाएं लेने से बचना चाहिए और सहायता के लिए अपने क्षेत्रीय कार्यालयों के जनसंपर्क अधिकारियों या हेल्पडेस्क से संपर्क करना चाहिए।

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