घूमने-फिरने के शौकिन हैं? ये सरकारी फैसला बचाएगा आपका पैसा - अगली ट्रिप पर जाने से पहले जरूर पढ़ लें

वर्तमान में, प्रमुख बीमा कंपनियों जैसे कि टाटा AIG और HDFC Ergo ने अपनी वेबसाइट पर ट्रैवल इंश्योरेंस खरीदते समय GST चार्ज करना बंद कर दिया है। इससे प्रीमियम की लागत पहले की तुलना में काफी कम हो गई है।

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By Gaurav Kumar:

Travel Insurance: अगर आप जल्द ही विदेश यात्रा की योजना बना रहे हैं, तो ट्रैवल इंश्योरेंस लेना जरूरी हो सकता है क्योंकि अब कई देश बिना इंश्योरेंस के एंट्री नहीं देते। अच्छी बात यह है कि अब आपकी जेब पर बोझ थोड़ा कम हो सकता है क्योंकि अब ट्रैवल इंश्योरेंस पर GST नहीं लगेगा। यानी अगली बार जब आप ट्रैवल इंश्योरेंस खरीदेंगे, तो 0% GST देना होगा।

हाल ही में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने घोषणा की थी कि 22 सितंबर 2025 से सभी पर्सनल हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसियों के प्रीमियम पर GST नहीं लगेगा। हालांकि, ग्रुप इंश्योरेंस पॉलिसियों पर अभी भी 18% GST लागू रहेगा।

अब सवाल यह है कि क्या हर तरह की ट्रैवल इंश्योरेंस पॉलिसी GST फ्री हो गई है? इसका जवाब पॉलिसी की स्ट्रक्चर पर निर्भर करता है।

ज्यादातर ट्रैवल इंश्योरेंस पॉलिसियां केवल मेडिकल कवर ही नहीं देतीं, बल्कि फ्लाइट लेट होने, कनेक्शन मिस होने, बैग खोने, पासपोर्ट गुम होने या यात्रा कैंसिल होने जैसी समस्याओं को भी कवर करती हैं।

अगर ये सभी सुविधाएं एक ही पॉलिसी में स्वाभाविक रूप से शामिल हैं, तो उसे 'कॉम्पोजिट सप्लाई' माना जाता है और पूरे प्रीमियम पर GST नहीं लगेगा। लेकिन अगर आप इनमें से कुछ सेवाएं अलग से ऐड-ऑन के रूप में लेते हैं, तो उस हिस्से पर GST लग सकता है।

वर्तमान में, प्रमुख बीमा कंपनियों जैसे कि टाटा AIG और HDFC Ergo ने अपनी वेबसाइट पर ट्रैवल इंश्योरेंस खरीदते समय GST चार्ज करना बंद कर दिया है। इससे प्रीमियम की लागत पहले की तुलना में काफी कम हो गई है।

हालांकि, कुछ एक्सपर्ट मानते हैं कि ट्रैवल इंश्योरेंस पर GST को लेकर नियम अभी भी पूरी तरह स्पष्ट नहीं हैं - खासकर उन पॉलिसियों को लेकर जो केवल बैग गुम होने या फ्लाइट लेट होने जैसी सेवाओं के लिए ली जाती हैं, जिनमें मेडिकल कवर नहीं होता।

आसान शब्दों में कहें तो अगर आप एक पर्सनल या फैमली ट्रैवल इंश्योरेंस लेते हैं जिसमें मेडिकल या दुर्घटना कवर शामिल है, तो आपको अब GST नहीं देना होगा। लेकिन अगर आप केवल वैकल्पिक ऐड-ऑन लेते हैं, तो हो सकता है उस पर टैक्स देना पड़े। इसलिए, ट्रैवल इंश्योरेंस खरीदने से पहले उसकी संरचना जरूर जांचें।

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