मोबाइल ऐप से लोन लेना अब हो गया आसान, जानिए कैसे बदल रहा है फाइनेंस का तरीका

आज के समय में जब हर कोई स्मार्टफोन इस्तेमाल कर रहा है, तो फाइनेंस की दुनिया भी अब मोबाइल ऐप्स में सिमट गई है।

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By Priyanka Kumari:

आज के समय में जब हर कोई स्मार्टफोन इस्तेमाल कर रहा है, तो फाइनेंस की दुनिया भी अब मोबाइल ऐप्स में सिमट गई है। पहले लोन लेने के लिए बैंकों के चक्कर लगाने पड़ते थे, लंबा फॉर्म भरना पड़ता था और हफ्तों इंतजार करना पड़ता था। लेकिन अब टेक्नोलॉजी ने यह सब बदल दिया है। 

अब लोग अपने फोन से ही लोन अप्लाई कर रहे हैं और कुछ ही मिनटों में पैसा उनके अकाउंट में आ रहा है। मोबाइल लोन ऐप्स की वजह से अब पूरा प्रोसेस डिजिटल हो गया है।

भारत में डिजिटल क्रांति ने अब गांव और छोटे शहरों तक पहुंच बना ली है। मोबाइल और इंटरनेट की वजह से अब वह लोग भी फाइनेंशियल सर्विसेज का फायदा ले पा रहे हैं, जो पहले बैंकों तक नहीं पहुंच पाते थे। अब हर कोई लोन अप्लाई कर सकता है, चाहे वो टियर 2 या टियर 3 शहर में रहता हो। इससे लोगों की जिंदगी आसान हो गई है और आर्थिक भागीदारी भी बढ़ रही है।

हालांकि, जैसे-जैसे डिजिटल लोन बढ़ रहा है, वैसे-वैसे फ्रॉड और डेटा चोरी के खतरे भी सामने आ रहे हैं। गलत ऐप्स डाउनलोड करना, फेक कॉल्स और फिशिंग अटैक अब आम हो गए हैं। इसी को देखते हुए भारतीय रिजर्व बैंक ने डिजिटल लोन से जुड़े सख्त नियम बनाए हैं। अब लोन का पैसा सीधे ग्राहक के खाते में जाता है, और हर प्रोसेस पारदर्शी होता है। कंपनियों को अब सिक्योरिटी पर भी ज्यादा ध्यान देना पड़ रहा है ताकि यूज़र का भरोसा बना रहे।

इसी दिशा में HDB Financial Services ने भी बड़ा कदम उठाया है। उन्होंने ‘HDB On-The-Go’ नाम से एक ऐसा मोबाइल ऐप बनाया है जो पूरी तरह सुरक्षित है। HDB financial Services के चीफ रिस्क ऑफिसर Harish Venugopal ने कहा कि इसमें बायोमेट्रिक लॉगिन, एडवांस एन्क्रिप्शन, रियल-टाइम फ्रॉड मॉनिटरिंग जैसे फीचर्स हैं। अगर ऐप को कोई गड़बड़ी दिखती है, तो तुरंत ऐक्शन लिया जाता है। इसके अलावा, कंपनी लोगों को साइबर सेफ्टी के बारे में भी जागरूक कर रही है ताकि कोई गलत ऐप या लिंक से ठगा न जा सके।

आज की तारीख में मोबाइल लोन ऐप सिर्फ एक ऐप नहीं, बल्कि पूरी बैंक की तरह काम कर रहे हैं। यूजर को अब खुद पता चल जाता है कि कितनी EMI बनेगी, कितना लोन मिलेगा और कैसे चुकाना है। चैटबॉट्स, EMI कैलकुलेटर और पेपरलेस प्रोसेस से पूरी प्रोसेस आसान और समझने लायक हो गई है।

HDB जैसी कंपनियां अब डिजिटल प्लेटफॉर्म पर और ज्यादा ध्यान दे रही हैं। उनका मानना है कि आने वाला समय मोबाइल फाइनेंस का है, और उन्होंने अपना सिस्टम इसी हिसाब से तैयार किया है। ग्राहकों को न सिर्फ जल्दी लोन मिल रहा है, बल्कि उन्हें एक बेहतर अनुभव भी मिल रहा है।

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