ITR Filling 2025: आईटीआर भरने का आ गया समय, फाइलिंग से पहलें इन बातों का रखें ध्यान
ITR Filling: इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने का समय आ गया है। अगर आपने अभी तक टैक्स रिटर्न फाइल नहीं किया है तो यह खबर आपके लिए है। आईटीआर फाइल करने से पहले आपको कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए ताकि बाद में कोई परेशानी न हो।

ITR Filing 2025: नया कारोबारी साल शुरू हो गया है। इसी के साथ इनकम टैक्स रिटर्न फाइल (ITR) करने का भी समय आ गया है। इस बार भी आईटीआर फाइल करने की आखिरी तारीख 31 जुलाई 2025 है। कई टैक्सपेयर ने आईटीआर फाइल कर दिया है और कई अभी करेंगे।
अगर आपने अभी तक रिटर्न फाइल नहीं किया है तो यह खबर आपके लिए हैं। आपको बता दें कि वैसे तो सभी नागरिक किसी न किसी तरह से टैक्स देते हैं। लेकिन, जिन टैक्सपेयर की इनकम बेसिक एग्जेम्प्शन लिमिट से ज्यादा होती है उन्हें आईटीआर फाइल करना अनिवार्य होता है। आईटीआर में वह अपनी इनकम, इन्वेस्टमेंट और बाकी सारी जानकारी देते हैं।
इसके अलावा जिन करदाता के सेविंग अकाउंट में 50 लाख रुपये से ज्यादा की राशि होती है उन्हें भी आईटीआर फाइल करना होता है। वहीं, अगर करदाता प्रॉपर्टी के माध्यम से ज्यादा कमाई करते हैं या फिर खुद का बिजनेस करते हैं तब भी उन्हें रिटर्न फाइल करना होता है।
क्या है टैक्स स्लैब (What is Tax Slab)
आईटीआर फाइल करते समय करदाता को दो टैक्स रिजीम में से कोई एक सेलेक्ट करना होता है। बता दें कि इस साल बजट में न्यू टैक्स रिजीम (New Tax Regime) के टैक्स स्लैब में बदलाव किया गया है। हालांकि, ओल्ड टैक्स रिजीम (Old Tax Regime) के टैक्स स्लैब में किसी तरह का कोई बदलाव नहीं हुआ है। न्यू टैक्स रिजीम के तहत टैक्स स्लैब कुछ इस तरह है-
इनकम लिमिट | टैक्स रेट |
0 से 4 लाख रुपये | 0% |
4 से 8 लाख रुपये | 5% |
8 से 12 लाख रुपये | 10% |
12 से 16 लाख रुपये | 15% |
16 से 20 लाख रुपये | 20% |
20 से 24 लाख रुपये | 25% |
24 लाख रुपये से ऊपर | 30% |
आईटीआर फाइलिंग से पहलें करें ये काम
आईटीआर फाइलिंग से पहले टैक्सपेयर को ये 5 जरूरी काम करना चाहिए। अगर वह यह काम करते हैं तो उन्हें टैक्स रिटर्न फाइल करते वक्त किसी भी तरह की कोई परेशानी नहीं होगी।
(1) टैक्सपेयर को रिटर्न फाइलिंग से जुड़े सभी डॉक्यूमेंट्स जैसे- फॉर्म 16, बैंक स्टेटमेंट, इन्वेस्टमेंट हिस्ट्री, इनकम, फॉर्म 26AS और AIS स्टेटमेंट को एक जगह कलेक्ट करके रखना चाहिए। इससे रिटर्न फाइलिंग के समय डॉक्यूमेंट्स की तलाश करवाने की जरूरत नहीं होगी।
(2) इनकम टैक्स रिटर्न फाइसल करते समय सबसे जरूरी होता है कि टैक्सपेयर सही आईटीआर फॉर्म (ITR Form) सेलेक्ट करें। अगर गलत फॉर्म सेलेक्ट किया जाता है तो उनका रिटर्न रिजेक्ट भी हो सकता है।
(3) रिटर्न फाइ करने से पहले टैक्सपेयर को फॉर्म 26AS और AIS की रिपोर्ट जरूर चेक करनी चाहिए। उन्हें रिपोर्ट में देखना चाहिए कि कहीं कोई गलती तो नहीं है। अगर उन्हें लगता है कि फॉर्म में कोई गलती है तो वह सबसे पहले उसे ठीक करवाएं।
(4) अगर आपका पैन कार्ड (Pan Card) आधार कार्ड (Aadhaar Card) से लिंक नहीं है तो आपको यह काम फटाफट करवा लेना चाहिए। दरअसल, बिना पैन और आधार लिंकिंग के आईटीआर फाइल करने में दिक्कत हो सकती है।
(5) कई बार टैक्सपेयर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट से कई छोटी जानकारी छुपा लेते हैं। उन्हें लगता है कि इसकी जानकारी विभाग को नहीं होगा। बता दें कि रिटर्न फाइल करते समय कोई भी जानकारी विभाग से नहीं छुपानी चाहिए। डिजिटल टैक्स मॉनिटरिंग के जरिये आपके दूसरे सोर्स की इनकम डिटेल्स विभाग के पास होती है। अगर आप कोई जानकारी छुपाने की कोशिश करते हैं तो आपके खिलाफ टैक्स नोटिस (Tax Notice) आ सकता है।
कैसे फाइल करें आईटीआर? (How to file ITR?)
स्टेप 1: आईटीआर फाइलिंग के लिए सबसे पहलें https://www.incometax.gov.in पर जाएं।
स्टेप 2: अब रजिस्टर या फिर लॉग-इन करें।
स्टेप 3: इसके बाद सभी डिटेल्स भरने के बाद सही फॉर्म सेलेक्ट करना है।
स्टेप 4: अब “Proceed” को सेलेक्ट करके फॉर्म को वैलिडेट करें।
स्टेप 5: इसके बाद सबमिट करें।
बता दें कि आईटीआर फाइल करने के बाद आपको उसे वेरिफाई करना होगा। अगर आप आईटीआर वेरिफाई (ITR Verify) नहीं करते हैं तो आपका रिटर्न रिजेक्ट हो जाएगा। आई़टीआर फाइलिंग के 30 दिन के भीतर आईटीआर वेरिफाई करवाना जरूरी है।