पहली बार सोने और चांदी में निवेश करना है लेकिन समझ नहीं आ रहा कैसे करें? इस तरह कर सकते हैं शुरुआत

पिछले एक साल में सोने की कीमतों में 45% से ज्यादा और इस साल अब तक 47% से अधिक की बढ़ोतरी देखी गई है। इस तेजी के कारण अब नए निवेशकों में 'FOMO' यानी ‘मिसिंग आउट का डर’ भी देखने को मिल रहा है।

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By Gaurav Kumar:

Gold and Silver: सोना और चांदी की कीमतों में हाल ही में आई रिकॉर्ड तोड़ तेजी ने निवेशकों को चौंका दिया है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने की कीमत अक्टूबर 2023 में $1,900 से बढ़कर अब $3,860 तक पहुंच गई है। भारत में भी सोने के दाम ₹61,000 से बढ़कर ₹1,17,290 तक जा पहुंचे हैं।

पिछले एक साल में सोने की कीमतों में 45% से ज्यादा और इस साल अब तक 47% से अधिक की बढ़ोतरी देखी गई है। इस तेजी के कारण अब नए निवेशकों में 'FOMO' यानी ‘मिसिंग आउट का डर’ भी देखने को मिल रहा है।

अगर आप भी सोना और चांदी में निवेश शुरू करना चाहते हैं, लेकिन समझ नहीं पा रहे कि कौन सा तरीका बेहतर होगा, तो ये खबर आपके लिए मददगार है।

फिजिकल सोना

फिजिकल गोल्ड जैसे कि सिक्के या जेवरात खरीदने में आपको मेकिंग चार्जेस और 3% GST देना पड़ता है। साथ ही, इनकी सुरक्षा और रख-रखाव की भी परेशानी होती है। यदि आपका मकसद पर्सनल इस्तेमाल है, तो फिजिकल सोना ठीक है, लेकिन निवेश के लिए यह ज्यादा किफायती विकल्प नहीं माना जाता।

गोल्ड और सिल्वर ETF

ETFs यानी एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स सोने और चांदी में निवेश का एक स्मार्ट और आसान तरीका हैं। इन्हें स्टॉक एक्सचेंज पर शेयरों की तरह खरीदा और बेचा जा सकता है। इनमें शुद्धता या सुरक्षा की चिंता नहीं होती, और लागत भी कम होती है।

टैक्स के मामले में, यदि आप ETF को 12 महीने से कम समय के लिए रखते हैं, तो आपका प्रॉफिट शॉर्ट-टर्म कैपिटल गेन टैक्स के तहत आता है, जो आपकी इनकम टैक्स स्लैब के अनुसार होता है। लेकिन 12 महीने से अधिक समय तक रखने पर इसे लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन माना जाएगा और 12.5% की फिक्स्ड टैक्स लगेगी, जो निवेश के लिए फायदेमंद है।

ETF निवेश के फायदे

  • गोल्ड और सिल्वर ETFs में GST और मेकिंग चार्जेस नहीं लगते।
  • इन्हें आसानी से खरीदा-बेचा जा सकता है।
  • लंबे समय तक रखने पर टैक्स में छूट मिलती है।
  • अलग-अलग समय में छोटी-छोटी मात्रा में खरीद और बिक्री कर आप कीमतों के उतार-चढ़ाव से बच सकते हैं।

निवेश कैसे करें?

अगर आपके पास डिमैट अकाउंट है तो आप सीधे गोल्ड ETF खरीद सकते हैं। यदि नहीं है, तो आप गोल्ड फंड ऑफ फंड्स (FoFs) में भी निवेश कर सकते हैं। ध्यान रखें कि जिस ETF का ट्रेडिंग वॉल्यूम ज्यादा हो, उसे प्राथमिकता दें ताकि आसानी से खरीद-फरोख्त हो सके।

निवेश की नजर से देखें तो गोल्ड और सिल्वर ETFs मध्यम से लंबे समय तक निवेश के लिए बेहतर विकल्प हैं। भले ही फिजिकल गोल्ड की अपनी अहमियत और भावनात्मक कनेक्शन होता है, लेकिन ETFs आपको लागत कम करने, सुरक्षा की चिंता से मुक्त रहने और बेहतर टैक्स लाभ पाने का मौका देते हैं।

इसलिए अगर आप 4-5 साल तक निवेश करना चाहते हैं और त्योहारों तक सीमित खरीददारी नहीं करना चाहते, तो गोल्ड और सिल्वर ETFs को अपनी निवेश योजना में शामिल कर सकते हैं। 

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