सेविंग अकाउंट में ₹10000 एवरेज मंथली बैलेंस नहीं तो 6% का लगेगा जुर्माना, 1 अगस्त से नया नियम होगा लागू

बैंक ने ग्राहकों को अपनी वेबसाइट और एसएमएस के माध्यम से दी है। बैंक का कहना है कि सेविंग अकाउंट के प्रकार के आधार पर अब नॉन-मेंटिनेंस चार्ज बदलेगा और इसकी गणना नए सिरे से होगी।

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By Gaurav Kumar:

Savings Account: डेवलपमेंट बैंक ऑफ सिंगापुर (DBS) की भारतीय इकाई ने अपने सेविंग अकाउंट होल्डर के लिए एक अहम निर्देश जारी किया है। 1 अगस्त 2025 से, यदि कोई ग्राहक अपने खाते में एवरेज मंथली बैलेंस (AMB) के रूप में 10,000 रुपये नहीं बनाए रखता है, तो उस पर जुर्माना लगाया जाएगा। यह जुर्माना खाते में शेष राशि का 6 प्रतिशत या अधिकतम 500 रुपये तक हो सकता है।

DBS बैंक ने यह सूचना ग्राहकों को अपनी वेबसाइट और एसएमएस के माध्यम से दी है। बैंक का कहना है कि सेविंग अकाउंट के प्रकार के आधार पर अब नॉन-मेंटिनेंस चार्ज बदलेगा और इसकी गणना नए सिरे से होगी। यानी पहले की तुलना में कम बैलेंस रखने पर अब ग्राहकों को ज्यादा शुल्क चुकाना पड़ेगा।

यह बदलाव ऐसे समय में आ रहा है जब एटीएम से नकद निकासी पर लगने वाला शुल्क पहले ही बढ़ चुका है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की 28 मार्च 2025 की अधिसूचना के मुताबिक, 1 मई 2025 से फ्री ट्रांजेक्शन लिमिट खत्म होने के बाद, हर एटीएम कैश निकासी पर अधिकतम 23 रुपये शुल्क लिया जाएगा। DCB बैंक और DBS बैंक दोनों ने यह शुल्क लागू कर दिया है।

हालांकि, DBS बैंक के ग्राहक यदि बैंक के अपने एटीएम से नकद निकासी करते हैं, तो यह सेवा मुफ्त रहेगी। ग्राहक कितनी भी बार निकासी कर सकते हैं, कोई अतिरिक्त फीस नहीं लगेगा।

DBS और अन्य निजी बैंकों के ये कदम बैंकिंग सेवाओं की लागत को लेकर ग्राहकों पर अतिरिक्त भार डाल सकते हैं। खासकर उन ग्राहकों के लिए जो न्यूनतम बैलेंस बनाए रखने में असमर्थ हैं या बार-बार नकद निकासी करते हैं।

डीबीएस बैंक सिंगापुर आधारित एक प्रमुख ग्लोबल बैंक है, जिसकी भारत में भी मजबूत उपस्थिति है। यह बैंक पर्सनल, एसएमई और कॉर्पोरेट बैंकिंग सेवाएं प्रदान करता है। भारत में लक्ष्मी विलास बैंक के विलय के बाद इसकी पहुंच और बढ़ी है। डीबीएस डिजिटल और पारंपरिक बैंकिंग का संतुलित मॉडल अपनाता है।

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