Car Loan: कार खरीदने के लिए आप भी लेने वाले हैं लोन, तो रूकें- पहले समझें ये फॉर्मूला
हम सब कार खरीदने के लिए लोन लेते हैं और बाद में EMI बढ़ने की टेंशन होती है। अगर आप भी न्यू कार खरीदने वाले हैं तो आपको इस फॉर्मूला को ध्यान में रखना चाहिए ताकि आपको किसी तरह की कोई परेशानी न हो।

आजकल कार खरीदना स्टेटस सिंबल बन गया है। कई लोग सिर्फ इस वजह से कार खरीदते हैं क्योंकि उनके दोस्त या कलीग के पास कार है। लेकिन क्या आपने सोचा है कि बिना सोचे-समझे कार खरीदना आपके फाइनेंस पर भारी पड़ सकता है? कई लोग आसान कार लोन मिलने की वजह से तुरंत कार खरीद लेते हैं। लेकिन कार खरीदने के लिए सिर्फ लोन लेना ही काफी नहीं है।
आपको कार लोन लेने से पहले अपनी सैलरी और वित्तीय स्थिति को देखना चाहिए। उसके बाद आपको कितनी कीमत की कार खरीदनी चाहिए और उसकी EMI कितनी होनी चाहिए, इसके बारे में सोचना चाहिए। अब आप भी सोच रहे होंगे कि इसकी कैलकुलेशन कैसे होगी। हम आपको नीचे एक फॉर्मूला बताएंगे जिसके जरिये आप आसानी से इसका हिसाब लगा सकते हैं।
क्या है 20-4-10 नियम?
इस नियम में 20 का मतलब 20% डाउन पेमेंट है। आपको कार की कुल कीमत का कम से कम 20% डाउन पेमेंट करना चाहिए। अगर आप 30% तक डाउन पेमेंट कर सकते हैं तो यह और बेहतर होगा। वहीं 4 का मतलब 4 साल से है। हमेशा कोशिश करें कि आप कार लोन 4 साल (48 महीने) के भीतर खत्म कर दें। इससे आपको अतिरिक्त ब्याज से बचने में मदद मिलेगी। वहीं, 10 से मतलब 10% सैलरी है। आपकी महीने की सैलरी का सिर्फ 10% ही कार लोन की EMI होनी चाहिए। इससे आपकी दूसरी वित्तीय जिम्मेदारियों पर असर नहीं पड़ेगा।
इसे ऐसे समझें कि अगर आपकी मासिक सैलरी ₹1,00,000 है, तो कार लोन की EMI ₹10,000 (10%) से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। अगर आप ₹8 लाख की कार खरीद रहे हैं, तो ₹1.6 लाख डाउन पेमेंट करें। बाकी ₹6.4 लाख का लोन 4 साल में चुकाएं, जिससे आपकी EMI लगभग ₹10,000 प्रति माह होगी। इस फॉर्मूला को फॉलो करने से आप कर्ज के बोझ में दबने से बच सकते हैं और अपनी वित्तीय स्थिरता बनाए रख सकते हैं।