पर्सनल लोन लेने वालों के लिए बड़ी खबर! RBI ने लागू कर दिए नए नियम
अब पर्सनल लोन लेने वालों के लिए मल्टीपल लोन लेना मुश्किल होने वाला है। RBI ने एक नया नियम लागू किया है, जिससे कर्ज लेने और देने दोनों में बड़ा बदलाव आने वाला है।

अब पर्सनल लोन लेने वालों के लिए मल्टीपल लोन लेना मुश्किल होने वाला है। RBI ने एक नया नियम लागू किया है, जिससे कर्ज लेने और देने दोनों में बड़ा बदलाव आने वाला है।
इस नियम के मुताबिक अब लेंडर्स को क्रेडिट ब्यूरो में लोन की जानकारी 1 महीने की जगह 15 दिन के अंदर अपडेट करनी होगी। इससे कर्ज देने वालों को डिफॉल्ट और पेमेंट रिकॉर्ड की सटीक जानकारी जल्दी मिल सकेगी। यही नहीं इसकी मदद से कर्ज लेने वालों के जोखिम का बेहतर आकलन हो सकेगा और मल्टीपल लोन लेने वालों पर लगाम लगाई जा सकेगी।
अगस्त 2024 में जारी किए गए इन निर्देशों को 1 जनवरी 2025 से लागू किया गया है। रिजर्व बैंक का मानना है कि इससे कर्ज देने वालों को रिस्क मैनेजमेंट में मदद मिलेगी। अभी तक EMI चुकाने की तारीखें अलग-अलग होने की वजह से महीने में एक बार रिपोर्टिंग करने से पेमेंट रिकॉर्ड में 40 दिनों की देरी हो सकती थी। लेकिन अब हर 15 दिन में अपडेट होने से ये देरी खत्म हो जाएगी और कर्ज देने वालों को असल समय में जानकारी मिलेगी।
कुल मिलाकर अब EMI रिपोर्टिंग में देरी कम होगी और पेमेंट-डिफॉल्ट की सही जानकारी जल्दी मिलेगी। मल्टीपल कर्ज लेने की आदत पर भी ये नियम लगाम लगाएगा। नए लोन लेने वालों को कई जगहों से ज्यादा लोन मिल जाते हैं जो उनकी चुकाने की क्षमता से ज्यादा होता है।
बैंकों ने ही रिकॉर्ड को ज्यादा बार अपडेट करने का सुझाव दिया था जिससे कर्ज लेने वालों की सही जानकारी उपलब्ध हो सके। अब अगर कोई शख्स मल्टीपल लोन लेता है और उसकी EMI अलग-अलग तारीखों पर होती है तो उसकी आर्थिक गतिविधियां 15 दिनों के अंदर क्रेडिट ब्यूरो के सिस्टम में दिखाई देंगी। इससे कर्ज देने वालों को कर्ज लेने वालों की आर्थिक स्थिति का सटीक और ताजा डेटा मिलेगा।
लेंडर्स का मानना है कि इस बदलाव से ‘एवरग्रीनिंग’ जैसी हरकतों पर भी रोक लगेगी। इसमें कर्ज लेने वाले पुराने कर्ज नहीं चुका पाने पर नया कर्ज ले लेते हैं, जिससे उनकी असल स्थिति छिपी रहती है। रिपोर्टिंग समय घटाने से क्रेडिट ब्यूरो और लेंडर्स को ज्यादा भरोसेमंद डेटा मिलेगा और कर्ज देने का सिस्टम मजबूत होगा। RBI के इस नए नियम से कर्ज देने का सिस्टम और ज्यादा पारदर्शी और मजबूत बनेगा। अब ये देखना दिलचस्प होगा कि इससे लोन लेने वालों पर क्या असर पड़ता है।