मिनिमम बैलेंस से लेकर ATM विड्रॉल तक, बैंक ऐसे वसूलते हैं आपसे चार्जेस

ICICI बैंक ने मिनिमम बैलेंस की लिमिट बढ़ा दी है। इस खबर के बाद सोशल मीडिया पर लोगों ने बैंक के फैसले की खूब आलोचना की। हम आपको आर्टिकल में बताएंगे कि बैंक मिनिमम बैलेंस के अलावा कौन-कौन से चार्ज वसूलता है।

Advertisement
Bank Charge
Bank Charge

By Priyanka Kumari:

देश के बड़े प्राइवेट बैंकों में से एक ICICI बैंक ने सेविंग्स अकाउंट में रखे जाने वाले मिनिमम बैलेंस की सीमा बढ़ाकर सीधे 50,000 रुपये कर दी है। जैसे ही ये खबर आई, सोशल मीडिया पर लोग भड़क गए और बैंक पर आम आदमी से दूरी बनाने के आरोप लगने लगे।

X, फेसबुक और इंस्टाग्राम जैसे प्लेटफॉर्म पर लोग जमकर बैंक की आलोचना कर रहे हैं। कई यूजर्स का कहना है कि इतनी बड़ी राशि मिनिमम बैलेंस के तौर पर रखना मिडिल क्लास और छोटे शहरों के लोगों के लिए मुश्किल है।

हम आपको आर्टिकल में बताएंगे कि मिनिमम बैंलेंस के अलावा बैंक कौन-से चार्ज वसूलता है।

मिनिमम बैलेंस न होने पर लगता है इतना चार्ज

ICICI बैंक की तरह बाकी बैंक भी के मिनिमम बैलेंस की सीमा अलग होती है। शहरी और सेमी-अर्बन ब्रांच में यह ज्यादा है, जबकि ग्रामीण शाखाओं में थोड़ी कम है। लेकिन अगर बैलेंस तय सीमा से कम होता है तो बैंक 100 रुपये + बचे हुए बैलेंस का 5% तक पेनल्टी वसूल सकता है।

नॉन-ऑपरेशनल अकाउंट पर लगता है चार्ज

अगर आपका बैंक अकाउंट लंबे समय तक इस्तेमाल नहीं होता, तो बैंक उसे नॉन-ऑपरेशनल मानकर अलग से चार्ज लगा सकता है। कई लोग इस बात से अनजान होते हैं और बाद में खाते में बैलेंस कम होने पर पता चलता है कि पैसा कट चुका है।

ATM ट्रांजैक्शन पर हिडन चार्ज

ज्यादातर बैंक महीने में 4-5 बार मुफ्त कैश विड्रॉल की सुविधा देते हैं। इसके बाद हर अतिरिक्त ट्रांजैक्शन पर 20 से 50 रुपये तक का चार्ज लगता है। अगर आप किसी दूसरे बैंक का एटीएम इस्तेमाल करते हैं, तो ये शुल्क और बढ़ सकता है।

डेबिट कार्ड मेंटेनेंस फीस

डेबिट कार्ड के लिए बैंक हर साल 100 से 500 रुपये तक मेंटेनेंस चार्ज लेते हैं। कार्ड अपग्रेड करने या रिप्लेस कराने पर भी अलग से फीस देनी पड़ती है।

SMS अलर्ट

हर तिमाही में बैंक SMS अलर्ट सर्विस के लिए 15 से 20 रुपये तक काट सकते हैं। वहीं, चेकबुक के कुछ पन्ने फ्री में मिलते हैं, लेकिन ज्यादा पन्ने मांगने पर पैसे देने पड़ते हैं। ऑनलाइन ट्रांजैक्शन जैसे NEFT, RTGS या बड़े अमाउंट के UPI ट्रांसफर पर भी कई बार चार्ज लगाया जाता है।

इन सारे चार्जेस को देखने में तो छोटा लगता है, लेकिन लाखों ग्राहकों से हर महीने यह रकम जुड़कर बैंकों के लिए अरबों रुपये की कमाई बना देती है। यही वजह है कि बैंक इन चार्जेस को अपने रेवेन्यू का अहम हिस्सा मानते हैं।

Read more!
Advertisement