रियल एस्टेट में 90% लोग गवां देते हैं पैसा! सिर्फ 1% लोग ही ये स्ट्रैटजी का इस्तेमाल कर कमाते हैं प्रॉफिट

रियल एस्टेट सलाहकार ऐश्वर्या श्री कपूर ने भारतीय रियल एस्टेट की हकीकत के बारे में बात करते हुए कहा कि 90% घर खरीदार प्रॉपर्टी नहीं, जिम्मेदारी खरीद रहे हैं।

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By Gaurav Kumar:

Real Estate: गुरुग्राम की रियल एस्टेट सलाहकार ऐश्वर्या श्री कपूर ने भारतीय रियल एस्टेट की हकीकत के बारे में बात करते हुए कहा कि “90% घर खरीदार प्रॉपर्टी नहीं, जिम्मेदारी खरीद रहे हैं।” उनका दावा है कि भावनाओं में बहकर लिए गए फैसले और रणनीति की कमी ने आम भारतीयों की फाइनेंशियल फ्रीडम को संकट में डाल दिया है।

LinkedIn पोस्ट में कपूर ने खरीदारों की एक आम गलती के बारे में बात करते हुए लिखा कि निवेशक एक दिन में सात प्रोजेक्ट देखते हैं, केवल प्रति स्क्वेयर फुट दाम पूछते हैं और सबसे बड़ी छूट देने वाले ब्रोकर्स को चुन लेते हैं - यह निवेश नहीं, जुआ है।

उनके अनुसार भारत की सबसे बड़ी रियल एस्टेट समस्या यह है कि खरीदारी लॉजिकल नहीं, इमोशनल होती है। खरीदार टाइटल क्लैरिटी, किराये की मांग या एग्जिट टाइमलाइन जैसे बेसिक पहलुओं पर ध्यान नहीं देते। लॉन्च ऑफर, डिस्काउंट और दिखावटी सुविधाएं पर निर्णय लेते हैं।

वहीं, टॉप 1% निवेशक बिल्कुल अलग ढंग से सोचते हैं। वे प्री-लॉन्च में निवेश करते हैं, सख्त मोलभाव करते हैं और 3-5 साल में एग्जिट लेने की स्पष्ट योजना रखते हैं जो किस्मत नहीं, डिजाइन है। 

उन्होंने एक फॉर्मूला दिया कि प्रोडक्ट + टाइमिंग + जोन + ब्रांड + एग्जिट रोडमैप = ROI; यदि इनमें से कोई एक भी गायब हो, तो खरीदार फंस जाते हैं - खासकर गुरुग्राम जैसे ओवरसप्लाई और अंडरडेवलप्ड क्षेत्रों में।

2025 के लिए उन्होंने SPR प्लॉट्स, ब्रांडेड रीसेल, द्वारका एक्सप्रेसवे के मिड-स्टेज प्रोजेक्ट्स, उच्च किराये वाली SCO संपत्तियां और UER-2 के पास वेयरहाउसिंग को सबसे आकर्षक सेगमेंट बताया।

कपूर की खरीदारों को साफ सलाह देते हुए कहा कि ग्राहक की तरह मत सोचिए, पैसे की तरह सोचिए। जो रेडी टू मूव है वो नहीं, जो 3x रिटर्न दे सकता है वो देखिए।

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