8th Pay Commission की Salary Hike से बाहर रहेंगे ये सरकारी कर्मचारी, जानें वजह

सरकारी कर्मचारी को उम्मीद है कि 8th Pay Commission लागू होने के बाद उनकी सैलरी में शानदार बढ़ोतरी होगी। हालांकि, 8वें वेतन आयोग लागू होने के बाद कई कर्मचारियों को इससे लाभ नहीं होगा। आर्टिकल में जानते हैं कि किन कर्मचारियों की सैलरी में इजाफा नहीं होगा।

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8th Pay Commission

By Priyanka Kumari:

8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) के गठन को केंद्र सरकार की मंजूरी मिल गई है। इस मंजूरी के बाद सरकारी कर्मचारियों को उम्मीद है कि जल्द ही उनकी सैलरी में इजाफा (Salary Hike) होगा। बता दें कि 8वें वेतन आयोग लागू होने के बाद भी कई कर्मचारियों की सैलरी में बढ़ोतरी नहीं होगी। हम आपको नीचे बताने वाले हैं कि 8वें वेतन आयोग का लाभ किन कर्मचारियों को नहीं मिलेगा।

इन कर्मचारियों को नहीं मिलेगा लाभ

अभी 7वां वेतन आयोग (7th Pay Commission) लागू है। यह साल 2016 में लागू हुआ था। वैसे तो हर 10 साल में नया वेतन आयोग लागू होता है। हालांकि, हर सरकारी कर्मचारी को इससे लाभ नहीं होता है। 

पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग्स (PSUs), ऑटोनॉमस बॉडीज और हाई कोर्ट या सुप्रीम कोर्ट के जजों पर यह नियम लागू नहीं होता। इन संस्थानों के कर्मचारियों की सैलरी और भत्ते अलग नियमों के तहत तय होते हैं। इसलिए 8वां वेतन आयोग लागू होने के बावजूद इन्हें इसका फायदा नहीं मिलेगा।

कितनी बढ़ेगी सैलरी? (How much will the salary increase?)

रिपोर्ट्स की मानें तो 8वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर (Fitment Factor) को 1.92 से बढ़ाकर 2.86 किया जा सकता है। अगर ऐसा होता है तो सरकारी कर्मचारियों की बेसिक सैलरी (Basic Salary) 18,000 रुपये से बढ़कर सीधे 51,000 रुपये तक पहुंच सकती है। हालांकि, अभी तक फिटमेंट फैक्टर को लेकर कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है।

फिटमेंट फैक्टर क्या है? (What is Fitment Factor?)

फिटमेंट फैक्टर सरकारी कर्मचारियों की बेसिक सैलरी को रिवाइज्ड करने का एक तरीका है। इसे मौजूदा बेसिक सैलरी पर लागू किया जाता है, जिससे नई सैलरी बनती है। उदाहरण के लिए अगर किसी कर्मचारी की बेसिक सैलरी 15,500 रुपये है और फिटमेंट फैक्टर 2.57 है, तो उसकी टोटल सैलरी 15,500 × 2.57 = 39,835 रुपये होगी।

वेतन आयोग क्या है? (What is Pay Commission?) 

वेतन आयोग (Pay Commission) भारत सरकार द्वारा गठित एक समिति होती है। इसका मुख्य उद्देश्य केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों की सैलरी (Salary), भत्ते और पेंशन को रिवाइज करना होता है। यह आयोग आमतौर पर हर 10 साल में गठित किया जाता है और इसकी सिफारिशें केंद्र सरकार द्वारा लागू की जाती हैं। वेतन आयोग सरकारी कर्मचारियों की महंगाई, क्वालिटी ऑफ लाइफ और आर्थिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए सैलरी स्ट्रक्चर में बदलाव करता है। 

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