शेयर बाजार में भारी बिकवाली के बीच SIP चालू रखें या बंद कर दें? जानिए जवाब
इस खबर में हम आपको बताएंगे की आखिर इस गिरते बाजार में निवेशकों को अपने एसआईपी का क्या करना चाहिए। चलिए डिटेल में जानते हैं।

Mutual Funds SIP: वैसे तो म्यूचुअल फंड को इक्विटी निवेश की तुलना में कम जोखिम भरा माना जाता है लेकिन म्यूचुअल फंड भी बाजार के जोखिमों के अधीन होते हैं। यही कारण है कि वर्तमान में ज्यादातर म्यूचुअल फंड निवेशकों के पोर्टफोलियों लाल निशान पर हैं।
अब ऐसे में अगर आपके भी मन में यह सवाल उठ रहा है कि शेयर बाजार के इस गिरावट भरे माहौल में क्या अपनी Systematic Investment Plan (SIP) चालू रखें या फिर इसे स्किप कर दें या फिर इसे बंद कर दें तो आपके लिए यह खबर महत्वपूर्ण हो सकती है। इस खबर में हम आपको इन्ही सवालों का जवाब एक्सपर्ट के जरिए देंगे कि आखिर निवेशकों को इस गिरते बाजार में अपने एसआईपी का क्या करना चाहिए। चलिए डिटेल में जानते हैं।
गिरते बाजार के बीच SIP चालू रखें या बंद कर दें?
सेबी रजिस्ट्रर्ड एनालिस्ट विपिन डिक्सेना ने कहा कि निवेशक अभी अपनी SIP को चालू रखें इसे बंद न करें। एक्सपर्ट ने कहा कि ये सबसे अच्छा मौका है क्योंकि सारे म्यूचुअल फंड की NAV कम हो गई है जिसके कारण निवेशकों को अभी म्यूचुअल फंड यूनिट ज्यादा मिलेगी।
Tailwind Financial Services के ऋषभ गोयल ने कहा कि जनवरी 2025 में लगभग 500,000 एसआईपी अकाउंट बंद हुए है जिससे चिंता बढ़ गई है। हालांकि इन एसआईपी अकाउंट के बंद होने के बावजूद एसआईपी अनुशासित तरीके से पैसा बनाने का एक शक्तिशाली उपकरण बना हुआ है।
एक्सपर्ट ने कहा कि जब बाजार में उतार-चढ़ाव जारी है, तब भी निवेशक एसआईपी के जरिए हर महीने लगातार 264 करोड़ रुपये का निवेश कर रहे हैं जो उनके धैर्य और लॉन्ग टर्म सोच को दर्शाता है। साथ ही, कई निवेशक अब अपने पैसे को मुद्रास्फीति और बाजार के उतार-चढ़ाव से बचाने के लिए स्थिर लार्ज-कैप फंड और गोल्ड ईटीएफ में निवेश करना पसंद कर रहे हैं।
एक्सपर्ट ने कहा कि सेबी की हालिया पहल, जिसमें केवल 250 रुपये से शुरू होने वाले एसआईपी शामिल हैं, एक गेम-चेंजर हैं। छोटी एसआईपी, तरूण योजना और मित्रा जैसे पहल का उद्देश्य म्यूचुअल फंड निवेश में एंट्री में आने वाली बाधाओं को कम करना और अधिक भागीदारी को लाना है, खासकर ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में।
Tailwind Financial Services के ऋषभ गोयल ने कहा कि बाज़ार में अभी अस्थिरता है, लेकिन इतिहास को देखें तो इससे पता चलता है कि इस दौरान निवेशित रहने पर लॉन्ग टर्म में काफी फायदा होता है।